टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया में इतिहास रचने के बाद न्यूजीलैंड के दौरे की शानदार शुरुआत की है. नेपियर में बुधवार को खेले गए पहले वनडे में न्यूजीलैंड के खिलाफटीम इंडिया ने शानदार प्रदर्शन किया और न्यूजीलैंड को अपने से कमतर टीम ही साबित कर दिया. पहले तो टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को केवल 38 ओवरों में 157 रनों पर समेट दिया और उसके बाद लक्ष्य को केवल दो ही विकेट गंवाकर 35 ओवर से पहले ही हासिल कर क्लीनिकल परफॉर्मेंस करते हुए सीरीज में 1-0 की बढ़त भी ले ली. अब सबकी निगाहें, शनिवार को माउंड मोउनगुई में होने वाले दूसरे वनडे मैच पर हैं.
पहले वनडे में न्यूजीलैंड की करारी हार के बाद अब सबके मन में यही सवाल है कि क्या न्यूजीलैंड टीम माउंट मोउनगुई में वापसी कर सकेगी. यह सवाल वैसे तो हर सीरीज का पहला मैच हारने वाली टीम के बारे में किया जाता है, लेकिन इस सीरीज में यह सवाल न केवल काफी अहम है बल्कि दिलचस्प भी है. इसकी वजह सीरीज से पहले किए जा रहे दावे भी हैं.
कहा तो जा रहा था कि कड़ी टक्कर मिलेगी टीम इंडिया को
इस सीरीज से पहले कहा जा रहा था की टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया में वह कड़ी टक्कर नहीं मिली जो कि उसे अब न्यूजीलैंड की टीम दे सकती है. इसके अलावा रिकॉ्र्ड भी न्यूजीलैंड की तरफदारी करते दिखाई दे रहे थे. इस सीरीज से पहले टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड में सात वनडे सीरीज खेली हैं. इनमें से चार सीरीज न्यूजीलैंड ने जीतीं जबकि दो सीरीज ड्रॉ रही. भारत ने न्यूजीलैंड को उसके घर में सिर्फ एक वनडे सीरीज में हराया है. भारतीय टीम ने यह सीरीज 2009 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में जीती थी. इसके अलावा टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड के खिलाफ उसके घर में ही 34 में से केवल 10 मैच ही जीते थे.
अभी तक नहीं हुआ है यहां दोनों का कोई मुकाबला
नेपियर वनडे में कहानी कुछ और ही बन गई. टीम इंडिया ने न केवल न्यूजीलैंड को हराया, बल्कि यह उसकी न्यूजीलैंड में सबसे बड़ी जीत भी रही. पहली बार न्यूजीलैंड टीम के साथ ऐसा हुआ कि वह पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया के खिलाफ 50 ओवर भी नहीं खेल सकी. इन सब बातों से तो यही लगता है कि अब कम से कम आंकड़े तो न्यूजीलैंड की मदद करने से रहे. इससे भी बड़ी और खास बात यह है कि अभी तक माउंट मोउनगुई में दोनों टीमों ने एक भी मैच नहीं खेला है. ऐसे में दोनों टीमों का आंकलन पिछले रिकॉर्ड के आधार पर नहीं किया जा सकता.
इन बातों पर करना होगा न्यूजीलैंड को गौर
अब वर्तमान सीरीज की बात करें तो ऐसा नहीं लगता कि केन विलियमसन केवल पहले मैच की ही गाज किसी खिलाड़ी पर गिराएंगे. हां पिच को देखते हुए हालात की मांग हो तो बात और है. साफ है कि विलियमसन को गहराई से विचार करना होगा कि जिस भारतीय स्पिन को उन्होंने आईपीएल में पानी पीने पर मजबूर कर दिया था, उससे वे पार क्यों न पा सके. टीम के स्पिन को ठीक से न खेलने की नाकामी भी काफी कुछ कह रही है. इसके अलावा पिछले साल अपने आईपीएल के साथ शिखर धवन पर लगाम न कस पाने की भी चिंता उन्हें जरूर होगी.
ऐसा नहीं है कि अजेय ही बन गई है टीम इंडिया
यह बात विलियमसन अच्छी तरह से जानते हैं. भारत और भारतीय खिलाड़ियों के खिलाफ उनका बढ़िया अनुभव है. वे यह भी समझते हैं कि अगर वे टॉस जीतने के बाद गेंदबाजी लेते तो तस्वीर कुछ और होती इसमें दो राय नहीं है. हालांकि लक्ष्य का पीछा करते हुए उनकी टीम कुलदीप और चहल को कैसे खेलती यह भी एक बड़ा सवाल होता. बहरहाल, वे जानते हैं कि टीम इंडिया दबाव में उतना अच्छा नहीं खेलती है. खासकर शुरुआती विकेट खोने के बाद. वहीं टीम इंडिया की फील्डिंग की काफी कमजोरियां भी इस मैच में निकलकर आईं.
विराट कोहली का यह होगा नजरिया
टीम इंडिया की बात की जाए तो विराट कोहली यही चाहेंगे कि वे और उनकी टीम भूल जाए कि पहले मैच में क्या हुआ था. जैसा कि वे हमेशा कहते हैं, वे दूसरे वनडे को नए मैच की तरह लेंगे और पिच को देखते हुए टीम में बदलाव करने से भी नहीं चूकेंगे. उनकी प्राथमिकता इस बार भी वर्ल्ड कप की तैयारी भी होगी. वहीं विराट पहले मैच के नतीजों के आधार पर कोई आंकलन करने गलती नहीं करना चाहेंगे. न्यूजीलैंड टीम अब भी दुनिया की बेहतरीन टीमों में से एक है. यह बात केवल एक मैच
से झुटलाई नहीं जा सकती.
बेशक वापसी तो करेगी ही न्यूजीलैंड
जी हां, पहले मैच में करारी हार के बाद तो न्यूजीलैंड के पास कुछ खोने को तो है नहीं. उसका प्रदर्शन पहले से तो बेहतर ही होगा. वहीं टीम इंडिया नेपियर का प्रदर्शन दोहरा पाएगी. ऐसा दावा करने की स्थिति में भी कोई नहीं होगा. तो फिर सीरीज का दूसरा वनडे रोमांचक होने की उम्मीद की जा सकती है.