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पिछले 11 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने राकेश अस्थाना और डीएसपी देवेंद्र कुमार की अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त करने और कोई भी निरोधात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने कहा था कि सतीश साना ने काफी गंभीर आरोप लगाए हैं। कोर्ट ने कहा था कि धारा 17ए के तहत किसी लोकसेवक के खिलाफ भ्रष्टाचार और लोकसेवा न करने के मामले में अभियोजन के लिए स्वीकृति लेने की जरूरत नहीं है। बाद में केंद्र सरकार ने राकेश अस्थाना को सीबीआई से हटाकर ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी का प्रमुख नियुक्त कर दिया। केंद्र सरकार के इसी फैसले को वकील मनोहर लाल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।