आज (23 जनवरी, बुधवार) नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की जयंती है। उनका जन्म आज ही के दिन सन 1897 में उड़ीसा के कटक में हुआ था। नेताजी भारत के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थी। नेताजी ने भारत को अंग्रेजों से आजाद करवाने के उद्देश्य से आजाद हिंद फौज का गठन भी किया था। नेताजी से जुड़े अनेक किस्से हमारे लिए प्रेरणा के स्त्रोत हैं। ऐसा ही एक किस्सा ये भी है..
जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) ने अंग्रेजी अफसरों की बोलती कर दी बं
– बात उस समय की है जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंग्लैंड में आईसीएस का इंटरव्यू देने गए। वहां उनका इंटरव्यू लेने वाले सभी अधिकारी अंग्रेज थे। वे भारतीयों को किसी बड़े पद पर नहीं देखना चाहते थे। इसलिए इंटरव्यू में कठिन प्रश्न पूछकर भारतीयों को नीचा दिखाने का प्रयास कर रहे थे।
– जब नेताजी की बारी आई तो वे इंटरव्यू के लिए अंग्रेज अधिकारियों के सामने बैठ गए। एक अधिकारी ने उन्हें देखकर व्यंग्य से मुस्कराते हुए पूछा- बताओ, इस छत के पंखे में कुल कितनी पंखुड़ियां हैं। इस अटपटे प्रश्न को सुनकर नेताजी की नजर पंखे पर चली गई। पंखा काफी तेज गति से चल रहा था।
– उन्हें पंखे की ओर देखता पाकर अंग्रेज अफसर मुस्कराते हुए एक-दूसरे की ओर देखने लगे। तभी दूसरा अंग्रेज बोला- यदि तुम पंखुड़ियों की सही संख्या नहीं बता पाए तो इस इंटरव्यू में फेल हो जाओगे। एक और सदस्य बोला- भारतीयों में बुद्धि होती ही कहां है?
– उनकी बातें सुनकर सुभाष निर्भीकता से बोले- अगर मैंने इसका सही जवाब दे दिया तो आप भी मुझसे दूसरा प्रश्न नहीं पूछ पाएंगे। और साथ ही मेरे सामने यह भी स्वीकार करेंगे कि भारतीय न सिर्फ बुद्धिमान होते हैं बल्कि वे निर्भीकता और धैर्य से हर प्रश्न का हल खोज लेते हैं। अंग्रेजों ने उनकी बात मान ली और उन्हें उत्तर देने के लिए कहा।
– इसके बाद सुभाष तेजी से अपने स्थान से उठे। उन्होंने चलता पंखा बंद कर दिया और पंखा रुकते ही पंखुड़ियों की संख्या गिन ली। इसके बाद पंखुड़ियों की सही संख्या उन्होंने अधिकारियों को बता दी। सुभाष की बुद्धि और सूझबूझ देखकर इंटरव्यू बोर्ड के सदस्यों के सिर शर्म से झुक गए।
– वे फिर सुभाष से आगे कोई प्रश्न नहीं पूछ पाए। उन्हें इस बात को भी स्वीकार करना पड़ा कि भारतीय साहस, बुद्धिमानी और आत्मविश्वास से हर मुसीबत का हल खोज लेते हैं।
लाइफ मैनेजमेंट
थोड़ी-सी सूझ-बूझ और बुद्धिमानी से मुश्किल दिखने वाले सवालों का हल भी तुरंत निकाला जा सकता है। जिस इंसान में ये गुण होता है वो बहुत ही आसानी से बड़ी से बड़ी मुश्किलों का सामना कर सकता है।