प्रवासी दिवस समारोह में बनारस पहुंचे मॉरीशस के पीएम
नई दिल्ली वाराणसी : मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने कहा कि भारत अनोखा है और भारतीयता पूरी दुनिया के लिए है। 15वें प्रवासी भारतीय दिवस समारोह के मुख्य अतिथि प्रविंद जगन्नाथ ने दुनियाभर से काशी में एकत्र प्रवासी भारतीयों को सम्बोधित करते हुए कई सदी पहले भारत से गए अपने पूर्वजों के संघर्षपूर्ण जीवन का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने भारत की संस्कृति, भाषा और शैली को संजोकर रखा। उन्होंने कहा कि उनके पूर्वज गिरमिटिया मजदूरों या गुलामों के रूप में दूर-दराज के देशों में गए थे लेकिन उन्होंने अपनी संकल्पशक्ति और साहस से विपरीत परिस्थितियों पर विजय हासिल की। साथ ही भारत की सुगन्ध को संजोये रखा। भारत ने भी हमें कभी नहीं छोड़ा। उन्होंने दुनिया भर में फैले भारतवंशियों का ‘प्रवासी नेटवर्क’ कायम करने का सुझाव दिया जो ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में साझा प्रोजेक्ट संचालित करे।
जगन्नाथ ने अपने सम्बोधन में हिंदी और भोजपुरी में भी कुछ वाक्य बोले। उन्होंने कहा कि आयोजन स्थल काशी और गंगा के पास आना प्रवासी भारतीयों के लिए तीर्थयात्रा करने जैसा है। वे काशी से गंगा मां का आशीर्वाद लेकर अपने-अपने देश वापस लौटेंगे। प्रवासी भारतीय भारत की संतान हैं और अपने पूर्वजों की धरती पर आकर वे धन्य हैं। उन्होंने कहा कि भारत छोड़े हमें बहुत समय बीत गया और भारत भूमि से हम बहुत दूर चले गए लेकिन हमारी भारतीयता की पहचान अभी तक बरकरार है। भारत से हमारा अटूट नाता है, जिसकी बुनियाद संस्कृति, भाषा और धार्मिक अन्तर्सम्बन्ध है। प्रविंद ने मॉरीशस में प्रचलित एक उक्ति का उल्लेख किया- ‘भाषा गई तो संस्कृति गई।’ इसी सन्देश को ध्यान में रखकर मॉरीशस में हिंदी और भोजपुरी के प्रचार-प्रसार और सरंक्षण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। स्कूलों में हिंदी के अध्यन- अध्यापन का प्रबंध किया गया है।
मॉरीशस और भारत की सांस्कृतिक तथा धार्मिक संबंधों को और मजबूत बनाने के प्रयासों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अगले महीने मॉरीशस में अंतरराष्ट्रीय ‘भगवद्गीता महोत्सव’ आयोजित किया जाएगा। भगवद्गीता की सन्देश भूमि कुरुक्षेत्र वाला राज्य हरियाणा इस आयोजन में सहभागी है। इसी तरह अगले वर्ष मॉरीशस में अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी समारोह भी आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि निकट सांस्कृतिक और धार्मिक संबन्ध सरकार स्तर पर चलने वाले कूटनीतिक प्रयासों में बहुत सहायक बनते हैं। भारत की सॉफ्ट पावर योग और आयुर्वेद के रूप में दुनिया महसूस कर रही है। मॉरीशस में भी आर्युर्वेद सहित भारत की पारम्परिक चिकित्सा पद्धति का प्रचार करने के लिए कदम उठाए गए हैं।