पौष पूर्णिमा के मौके पर सोमवार को प्रयागराज कुंभ में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. त्रिवेणी संगम किनारे सुबह सूर्य के उदय से पहले ही श्रद्धालु स्नान करते हुए नजर आए. प्रयाग कुंभ मेले में आने वाले कल्पवासी पौष पूर्णिमा से संगम की रेती पर कल्पवास शुरू कर देते है. हिंदुओं में पौष पूर्णिमा के स्नान का विशिष्ट महत्व है.
हिंदुओं के लिए त्योहार है पौष पूर्णिमा
पौष पूर्णिमा के बारे में शंकराचार्य अधोक्षानंद ने बताया, ‘‘पौष पूर्णिमा हिन्दुओं के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है. इस दिन देश के विभिन्न भागों से आने वाले श्रद्धालु संगम पर डुबकी लगाने के लिए एकत्र होते हैं.’
पुलिस ने किए सुरक्षा के खास इंतजाम
उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) आनंद कुमार ने रविवार को यहां बताया कि पुलिस का मुख्य उद्देश्य कुंभ मेले को सुरक्षित तरीके से सम्पन्न कराना है और इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है. उन्होंने बताया कि प्रदेश पुलिस के साथ केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बल भी प्रयागराज रेलवे स्टेशन, सिविल लाइंस बस अड्डे और भीड़ वाले अन्य स्थानों पर पैनी नजर रख रहे हैं.
उन्होंने बताया कि सोमवार को होने वाले स्नान में लाखों लोगों के संगम में डुबकी लगाने का अनुमान है. इसके लिये सुरक्षा के प्रबन्धों के तहत बलों की तैनाती के साथ प्रौद्योगिकी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. हमारी कोशिश है कि कुंभ 2019 सुरक्षा के लिहाज से अब तक का सबसे सफल कुंभ साबित हो.
कल्पवासियों की होगी विदाई
प्रयागनगरी में लगे आस्था के सबसे बड़े मेले महाकुम्भ में कल्पवासियों की वजह से रौनक बनी हुई है. माघी पूर्णिमा के दिन डुबकी लगाने के बाद कल्पवासी विदा हो जाएंगे. महाकुम्भ में संगम तट पर कल्पवासी शिविरों में कथा व भोज आयोजित किए जा रहे हैं. कल्पवास के 12 वर्ष पूरे करने वाले कल्पवासी सेजिया दान कर रहे हैं, जिसका आयोजन भव्य होता है. जूना अखाड़े के एक संत के मुताबिक महाकुम्भ में सेजिया दान का खासा महत्व है. प्रत्येक कल्पवासी अपनी क्षमता के अनुसार दान करते हैं. समृद्ध कल्पवासी सेज यानी आलीशान बिस्तर से लेकर हीरे जवाहरात तक दान कर रहे हैं. कल्पावासियों पर हालांकि दान का दबाव नहीं होता.