पेसिफिक रिंग ऑफ फायर से सटे देश ‘ग्वाटेमाला’ में लंबे समय से सक्रिय ज्वालामुखी ‘वोल्कन डे फुगो’ की सक्रियता लगातार जारी है। ‘आग का ज्वालामुखी’ नाम से मशहूर फुगो ज्वालामुखी में भीषण विस्फोट से अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 99 हो गई है। प्रभावित इलाकों में रह रहे सात समुदाय पहले ही सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। ज्वालामुखी की सक्रियता बढ़ने के कारण बचाव अभियानों को रोक दिया गया है।
ज्वालामुखी के लावा और राख से बचने से लिए एस्क्युन्टिला शहर में घबराए स्थानीय लोग भागने के लिए अपनी कार की ओर दौड़ पड़े। आपदा राहत एजेंसी के प्रमुख सर्गियो कबानास ने पत्रकारों को बताया कि इस आपदा के बाद से कुल 192 लोग लापता हैं। ज्वालामुखी से निकली राख और धुआं करीब 12,346 फीट तक उठते देखे गए। धमाके से तीन जगह अल रोडियो, अल्टेनेंगो और सैन मिगुएल सबसे ज्यादा क्षतिग्रस्त हुए हैं।
फ्यूगो में यह साल का दूसरा धमाका है। अधिकारियों ने बताया कि पहाड़ी गांवों में शवों की तलाश का काम वहां की भौगोलिक स्थिति तथा ज्वालामुखी से निकली गर्म मिट्टी, चट्टानों के टुकड़े और राख के कारण धीमा चल रहा है। कबानास ने कहा कि जब तक अंतिम पीड़ित नहीं मिल जाता तब तक तलाश जारी रहेगी। हालांकि, हम नहीं जानते कि कितने लोग लापता हैं।
जितनी बार जरुरत होगी हम इलाके की तलाशी लेंगे। अधिकारियों ने बताया कि आपदा से 17 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और इनमें से 3,000 से ज्यादा लोगों को अपने घरों से दूर सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए कहा गया है। 5.2 तीव्रता के भूकंप के बाद यह ज्वालामुखी फट गया था। इससे निकले लावा के तापमान लगभग 700 डिग्री सेल्सियस था।
अफसरों के अनुसार, 44 साल बाद फ्यूगो में ऐसा ज्वालामुखी विस्फोट हुआ है। राष्ट्रपति जिमी मोरालेस ने विभागों के साथ मींटिग कर देश में आपातकाल लगा दिया है। बताते चलें कि ‘वोल्कन डे फुगो’ सबडक्शन क्षेत्र पर स्थित है, जहां केरेबियन प्लेट के नीचे कोकोज प्लेट हलचल करती रहती है। इसी वजह से ज्वालामुखी में लावा बनता रहता है और यह लगातार सक्रिय रहता