राजधानी दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में फरवरी, 2016 में देशद्रोही नारों के मामले में पुलिस ने अपना आरोप-पत्र दाखिल कर दिया है, जिसके बाद आज पटियाला हाउस कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होने वाली है. इस चार्जशीट में जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य सहित कुल 10 आरोपियों का नाम शामिल है.
इससे पहले 1200 पन्नों के इस आरोप-पत्र के संज्ञान पर पटियाला हाउस कोर्ट फैसला सुनाने वाली थी, किन्तु जज के अवकाश पर होने के कारण उस दिन सुनवाई नहीं हो पाई, इसलिए इस मामले की अगली तारिख 19 जनवरी तय की गई. पुलिस द्वारा अपने आरोपपत्र में कई गवाहों के बयानों का हवाला दिया गया है, जिसमे कहा गया है कि नौ फरवरी 2016 को विश्वविद्यालय परिसर में कन्हैया प्रदर्शनकारियों के साथ थे और बड़ी संख्या में अज्ञात लोग देशविरोधी नारेबाजी कर रहे थे. उल्लेखनीय है कि संसद हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरू को दी गई फांसी की बरसी पर विश्वविद्यालय परिसर में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमे ‘अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिन्दा हैं’ जैसे देश विरोधी नारे लगाए गए थे.
यह मामला पहले मंगलवार के लिए सूचीबद्ध था, लेकिन संबद्ध न्यायाधीश के छुट्टी पर रहने के कारण मामले की सुनवाई अगली तारीख के लिए स्थगित कर दी गई थी. आरोपपत्र के अनुसार गवाहों ने यह भी कहा है कि कन्हैया घटनास्थल पर उपस्थित था जहां प्रदर्शनकारियों के हाथों में अफजल गुरु के पोस्टर थे. ‘‘अंतिम रिपोर्ट में कहा गया है कि कन्हैया ने सरकार के विरुद्ध नफरत और असंतोष फ़ैलाने के लिए खुद भी देश विरोधी नारे लगाए थे.’’