समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने सपा और बसपा के गठबंधन को देशहित में लिया गया फैसला करार देते हुए कहा कि इस बार उत्तर प्रदेश से नया प्रधानमंत्री बनेगा. उत्तम ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सपा और बसपा के गठबंधन का फैसला देश से सामंतवाद, पूंजीवाद और जातिवाद को खत्म कर समाजवाद की स्थापना के लिए देशहित में लिया गया है. उन्होंने बताया कि गठबंधन का नारा ‘लोकतंत्र बचाओ, भाजपा हटाओ’ होगा.
सपा और बसपा के कार्यकर्ताओं को एकजुट रखने की कवायद के तहत आयोजित चौपाल में शिरकत करने आये सपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस एकजुटता की शुरुआत गोरखपुर, फूलपुर और कैराना लोकसभा उपचुनावों में हो चुकी है. इस सवाल पर कि गठबंधन से पहले जो लोग अपने-अपने दल से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे, वे क्या अब बगावत कर सकते हैं? उत्तम ने कहा कि ऐसी कोई आशंका नहीं है.
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निर्वाचन क्षेत्र के बारे में पूछे जाने पर उत्तम ने उनका नाम लिये बगैर कहा कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा, यह सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा मुखिया मायावती बहुत जल्द तय करेंगे. मगर यह निश्चित है कि इस बार उत्तर प्रदेश से कोई नया प्रधानमंत्री बनेगा.
उन्होंने आरोप लगाया कि स्वदेशी का नाम लेकर बीजेपी ने देश से छलावा किया. सचाई यह है कि आज विदेशी कम्पनियां यहां के बाजार पर छा गयी है. मजदूरों का शोषण हो रहा है और अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है.
आपको बता दें कि लोकसभा चुनावों से पहले यूपी में सपा और बसपा के बीच हुए महागठबंधन में अब अजित चौधरी की पार्टी आरएलडी को भी एंट्री मिल गई है. सूत्रों के अनुसार दोनों दलों के बीच अब तक 3 सीटों पर सहमति बनती दिख रही है. इनमें बागपत, मथुरा के साथ मुजफ्फरनगर सीट भी आरएलडी को मिल सकती है, लेकिन हाथरस की सीट पर पेंच फंस गया है. आरएलडी इस सीट की मांग कर रही है. लेकिन सपा इस सीट को देने के लिए राजी नहीं है. इसके अलावा कैराना सीट पर भी दोनों के बीच बात नहीं बनी. आरएलडी इस सीट को अपने पास रखना चाहती है, लेकिन सपा इसे देने के लिए तैयार नहीं है. राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने बुधवार को लखनऊ में सपा मुख्यालय में अखिलेश यादव से मुलाकात की थी.