लखनऊ : राजधानी स्थित महात्मा गांधी पार्क में बुधवार को जुटे प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) के सिपाहियों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोला। सिपाहियों ने राज्य कर्मचारी का दर्जा व वाजिब वेतनमान की मांग को लेकर अटल चौराहा (हजरतगंज) पर जाम लगा दिया। इस दौरान घंटों तक यातायात ठप रहा। प्रदर्शन में काफी संख्या में महिला पीआरडी जवान भी शामिल रहीं। हजरतगंज में अटल चौराहा पर अपनी मांगों को लेकर पीआरडी जवान सुबह से ही जुटने लगे। दोपहर होते-होते बड़ी संख्या में सिपाहियों का जमावड़ा हो गया। प्रदर्शनकारी सिपाही शहमारी मांगे पूरी करो, भीख नहीं अधिकार चाहिए-वर्दी का सम्मान चाहिए नारों के साथ आवाज बुलंद करते हुए चौराहा से होते हुए मुख्यमंत्री आवास की तरफ कूच करने के लिए बढ़ने लगे। प्रदर्शनकारी अपने लाठी-डंडे से लैस रहे। वहीं, मौके पर मुश्तैद उत्तर प्रदेश पुलिस ने बैरिकेडिंग करके प्रदर्शनकारी जवानों को रोक लिया। इस दौरान प्रदर्शकारियों व पुलिस में कड़ी नोक-झोंक भी हुई।
प्रदर्शन में बलिया की महिला पीआरडी जवान ने कहा कि हम लोगों को वाजिब वेतन नहीं मिलता है। परिवार को भरण-पोषण करने में दिक्कत आ रही है। नियमित ड्यूटी नहीं मिलती है। वर्ष भर में केवल दो महीने का काम मिलता है। प्रतिदिन के हिसाब से 200-250 ही मिलता है, जो कि बहुत ही कम है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास अगर हमारे लिए कोई बजट या योजना नहीं है तो यह व्यवस्था खत्म कर दे। परंपरा बन गया है कि अपनी मांगों को लेकर हम लोग प्रत्येक वर्ष आन्दोलन करते हैं और आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिलता। वहीं आन्दोलन में शामिल अन्य सिपाहियों ने योगी सरकार में राज्य मंत्री अनिल राजभर पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार हमारी मांगों को लेकर लिखित निर्देश दे या पीआरडी व्यवस्था को ही खत्म कर दे। हम लोगों से अच्छी व्यवस्था होमगार्डों को मिल रही है, जबकि काम करने में हम उनसे कम नहीं हैं। मांग नहीं माननी है तो मृत्युदंड दे दे सरकार।
ये है मांगें : स्थायी नौकरी, राज्य कर्मचारी का दर्जा, 18000 रुपये मासिक वेतन, वर्ष भर काम, होमगार्ड्स की तरह थानों पर ड्यूटी और ड्यूटी के दौरान रायफलें उपलब्ध करायी जाएं।