बीजेपी ने मंगलवार को पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की देश के खिलाफ नारेबाजी करने वालों से ‘सहानुभूति जताने’ के लिए आलोचना की. महबूबा ने 2016 में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) देशद्रोह मामले में आरोपपत्र दायर करने के समय को लेकर सवाल खड़े किए थे. आरोपपत्र में सात कश्मीरी छात्रों के नाम शामिल हैं.
बीजेपी उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना ने यहां कहा कि जेएनयू मामले में पुलिस अपना काम कर रही है और पीडीपी नेता की सोच पर उन्हें ‘तरस’ आती है.
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने 2016 जेएनयू राजद्रोह मामले में आरोप पत्र दायर करने के समय को लेकर सोमवार को सवाल उठाया था और कहा था कि लोकसभा चुनावों से पहले राजनीतिक लाभ लेने के लिए छात्रों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस आरोप पत्र में सात कश्मीरियों के भी नाम हैं.
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रमुख ने अपने ट्वीट में कहा था कि इसमें चौंकने वाली बात नहीं है. 2019 का आम चुनाव कुछ महीने बाद होने वाला है और हमेशा की तरह राजनीतिक लाभ लेने के लिए कश्मीरियों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
उन्होंने कहा था कि आरोप पत्र का समय इससे अधिक संदिग्ध नहीं हो सकता. जब यूपीए सत्ता में थी तब अफजल गुरु को फांसी दी गई और अब तक जम्मू कश्मीर को इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है.
बता दें दिल्ली पुलिस ने जेएनयू परिसर में नौ फरवरी 2016 को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने के लिए जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार सहित दस लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है जिसमें ये सात भी शामिल हैं. वह कार्यक्रम संसद भवन पर हमला मामले के दोषी अफजल गुरु की फांसी की बरसी पर आयोजित किया गया था.
आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए (राजद्रोह), 143 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र समूह का सदस्य होने के लिए सजा) और 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) के सहित विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.