उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि सपा-बसपा गठबंधन अराजकता और असुरक्षा को बढ़ावा देगा. गोरखनाथ मंदिर में बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने के बाद संवाददाताओं से कहा कि ये गठबंधन भय वश किया गया है और जनता इसे स्वीकार नहीं करेगी. योगी ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि यह गठबंधन लंबा नहीं चलेगा. 1993 में सपा की ज्यादा सीटें थीं, बसपा की कम और मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव थे. बसपा ने समर्थन जारी रखा लेकिन गठबंधन लंबा नहीं चला.’’
उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ जनता इस गठबंधन को स्वीकार नहीं करेगी क्योंकि यह आत्म सम्मान को परे रखकर बनाया गया है.’’ सपा बसपा के पूर्व मुख्यमंत्रियों को कुंभ में आमंत्रित करने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ सब के लिए है और हमने सभी को आमंत्रित किया है . उन्होंने कहा कि सपा और बसपा के लोग कुंभ समिति में हैं और यह उन पर है कि वह कुंभ मेले में आएं.
आपको बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा-बसपा के गठबंधन का राज्य की राजनीति पर कोई असर नहीं होने का दावा करते हुए रविवार को कहा कि अच्छा है कि दोनों दल एक हो गये हैं. अब भाजपा को इन्हें कायदे से ‘निपटाने‘ में मदद मिलेगी. योगी ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘सपा-बसपा के गठबंधन का मतलब, भ्रष्टाचारी, जातिवादी मानसिकता वाले अराजक और गुंडों को सीधे-सीधे सत्ता देकर जनता को उसके भाग्य पर छोड़ देने जैसा है.
मैं कह सकता हूं कि इस गठबंधन का प्रदेश की राजनीति पर कोई असर नहीं होने वाला है. अच्छा हुआ दोनों एक हो गये हैं. हमें मदद मिलेगी कायदे से इनको निपटाने के लिये.’’दिल्ली में आयोजित भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में महागठबंधन का बार-बार जिक्र किये जाने के औचित्य के बारे में योगी ने कहा ‘‘गठबंधन कोई चुनौती नहीं है. मैं सपा मुखिया अखिलेश यादव से पूछना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री के रूप में पिछली बार वह (सपा संस्थापक) मुलायम सिंह यादव को आगे कर रहे थे.