दूसरा वनडे : ऑस्ट्रेलिया को छह विकेट से पीटकर भारत सीरीज में 1-1 से बराबर
एडिलेड : अपने पसंदीदा ग्राउंड पर कप्तान विराट कोटली की शानदार शतकीय पारी और उनके साथ सुपर फिनिशर महेन्द्र सिंह की 55 रनों की बेहतरीन पारी से भारत ने मंगलवार को यहां दूसरे वनडे में ऑस्ट्रेलिया को छह विकेट की करारी शिकस्त देते हुए तीन मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर कर ली है। टीम इंडिया के इस जीत के बाद कप्तान विराट काफी खुश नजर आये और उन्होंने धोनी की जमकर तारीफ की। उन्होंने धोनी की इस पारी को ‘एमएस क्लासिक’ पारी करार दिया। वाकई सुपरकूल मैन धोनी ने एक बार फिर सुपर फिनिशर की भूमिका निभाते हुए भारत को शानदार जीत दिलायी। हालांकि आस्ट्रेलिया ने भारत को जीत के लिए बड़ा टारगेट दिया था लेकिन धोनी ने विराट के साथ मिलकर हमेशा भारत को मैच में बनाये रखा। आखिरी ओवर में जीत के लिए जब 7 चाहिए थे तो स्ट्राइक पर धोनी थे और टीम इंडिया के साथ पूरे देशवासी दिल थामे उस क्षण का इंतजार कर रहे थे, जब भारत के जाबांज कंगारुओं को पीटकर बराबरी कर लें। और फिर धोनी ने इंतजार करना ठीक नहीं समझा, आखिरी ओवर की दूसरी ही गेंद पर धक्का जड़कर टीम इंडिया को फतह दिला दी और कंगारू हक्का—बक्का रह गये।
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला लिया। उसने 50 ओवर में 9 विकेट पर 298 रन बनाए भारत ने 49.2 ओवर में 4 विकेट पर 299 रन बनाकर मैच अपने नाम कर लिया।टीम इंडिया के लिए कप्तान विराट कोहली ने 104 रन की पारी खेली। यह उनका 39वां शतक है। लक्ष्य का पीछा करते हुए उन्होंने 24वीं बार शतक लगाया। महेंद्र सिंह धोनी 55 और दिनेश कार्तिक 25 रन बनाकर नॉट आउट रहे। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के लिए शॉन मार्श ने सर्वाधिक 131 रन बनाए। भारत की ओर से भुवनेश्वर कुमार ने चार और मोहम्मद शमी ने तीन विकेट चटकाए। ऑस्ट्रेलियाई टीम की शुरुआत खराब रही। ओपनर्स कप्तान एरॉन फिंच और एलेक्स केरी शुरुआती आठ ओवर में ही पवेलियन लौट गए। फिंच लगातार दूसरे मैच में भुवनेश्वर कुमार का शिकार बने। पहले वनडे में भुवनेश्वर ने उन्हें बोल्ड किया था। इन दोनों के बाद आए उस्मान ख्वाजा भी ज्यादा देर नहीं टिक सके और पारी के 19वें ओवर में आउट हो गए।
शॉन मार्श ने पारी को संभालते हुए करियर का सातवां शतक लगाया। उन्होंने भारत के खिलाफ 10 साल बाद शतकीय पारी खेली। पिछली बार हैदराबाद (2009) में 112 रन की पारी खेली थी। इससे पहले सिडनी में पहला वनडे जीतकर ऑस्ट्रेलियाई टीम तीन मैच की सीरीज में 1-0 से आगे थी। सीरीज में बने रहने के लिए भारत को यह मैच जीतना जरूरी था। इससे पहले भारतीय टीम पिछले साल इंग्लैंड से 1-2 से सीरीज हार गई थी।