राशन कार्ड के नाम पर गरीबों से अवैध वसूली

-डाटा फीडिंग और फॉर्म बेचने का हवाला देकर ठगी मोटी रकम
-विकासखण्ड सरोजनीनगर की ग्राम पंचायत सरसवां का मामला
– जनप्रतिनिधि ने बीडीओ से शिकायत कर कार्यवाई की गुहार लगाई

लखनऊ : विकासखण्ड सरोजनीनगर की ग्राम पंचायत सरसवां में गरीबों से ठगी और अवैध वसूली का बड़ा मामला सामने आया है। जहां कोटेदार ने राशन कार्ड और आधार कार्ड का डाटा ऑनलाइन फीड कराने का हवाला देते हुए दर्जनों गरीब परिवारों से सैकड़ों रुपए की अवैध वसूली कर ली। सिर्फ यही नहीं, बल्कि उक्त ग्राम पंचायत में राशन कार्ड के फॉर्म की अवैध बिक्री कर के भी प्रति फॉर्म पांच से दस रुपए वसूल लिए गए। इसकी शिकायत स्थानीय क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रतिनिधि विनोद कुमार ने खण्ड विकास अधिकारी सरोजनीनगर से की है। जानकारी के मुताबिक विकासखण्ड सरोजनीनगर की ग्राम पंचायत सरसवां के अंतर्गत अर्जुनगंज इलाके में माधुरी देवी के नाम से कोटे की दुकान आवंटित है। उक्त दुकान का संचालन माधुरी देवी के पति तेजनरायण यादव द्वारा किया जाता है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि यहां तेज नरायण ने ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले तमाम परिवारों को नया राशन कार्ड बनवाने की बात कहते हुए पांच से दस रुपए लेकर राशन कार्ड का खाली फॉर्म बेंचा। साथ ही जमा करवाने के दौरान उनसे प्रत्येक फॉर्म पर सौ से 150 रुपए तक राशन कार्ड का डाटा ऑनलाइन फीड कराने के नाम पर भी लिए गए।

इसके बाद परिवार की प्रत्येक यूनिट के हिसाब से दस रुपए आधार कार्ड की फीडिंग के भी वसूले। जब कुछ ग्रामीणों ने वसूली की रकम न दे पाने में असमर्थता जताई तो उनका फॉर्म जमा नहीं किया गया। स्थानीय बुजुर्ग महिला फूलमती, किशन कुमारी, बुद्धेश्वरी, ऊषा देवी ने ऑन कैमरा बताया कि उन लोगों से तेजनरायण द्वारा उक्त रकम की मांग की गई है। पैसा न दे पाने पर वह अपना फॉर्म लेकर लौट आई। इसके अलावा क्षेत्र की अनीस बानो (145 रु),जरीना बानो(140 रु), समीम बानो(155 रु), रेशमा (145 रु), सीमा(155 रु) समेत दर्जनों निवासियों से इसी हिसाब से अवैध धन उगाही की गई। चूँकि यह रकम अवैध तरीके से ग्रामीणों से ली गई है इसीलिए ग्रामीणों को कोई रशीद भी नहीं दी गई है। इस मामले में जब कोटेदार से बात की गई तो गोल मोल जवाब देते हुए उसने ऑन रिकॉर्ड बताया कि उक्त रकम किसी सरकारी खाते में नहीं जा रही है। उसका कहना है कि पैसे देने के लिए किसी से जोर जबरदस्ती नहीं है जिसका मन हो दे जिसका मन हो वह न दे। हालांकि, उसने स्वयं भी इसे गलत स्वीकार किया है।

कई बार निलंबित हो चुका है कोटा

ग्राम पंचायत सरसवां में माधुरी देवी के नाम से संचालित कोटा कई बार अनियमितताओं के चलते निलम्बित हो चुका है। लेकिन हर बार कोटेदार अपनी पहुँच और जुगाड़ के चलते पुनः कोटा आवंटन करा लेता है। कुछ ही महीने पहले कोटा निलंबित हुआ था। जिसके बाद हाल ही में कोटा अर्जुनगंज आया है। जहां फिर से अनियमितताओं के साथ ही अवैध वसूली का खेल शुरू हो गया। वहीं कुछ लोगों ने राशन की गुड़वत्ता और उसकी मात्रा पर भी सवाल उठाए हैं। मामले पर खण्ड विकास अधिकारी, सरोजनीनगर मुनेश चन्द्र का कहना है कि पैसे लेने का कहीं कोई प्रावधान नहीं है। यह गलत है। आज शिकायत मिली है। मामले की जाँच एडीओ सांख्यिकी जितेंद्र कुमार को देकर तीन दिन में उनसे रिपोर्ट मांगी गई है।

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