बसपा सुप्रीमो मायावती आज (15 जनवरी) अपना 63वां जन्मदिन मना रही हैं. इस मौके पर उन्होंने मीडिया को भी संबोधित किया और उनके जन्मदिन पर मिलने वाली शुभकामनाओं पर उन्होंने आभार प्रकट किया. उन्होंने कहा कि इस बार मेरा जन्मदिन एक ऐसे मौके पर हो रहा है जब लोकसभा का चुनाव होने जा रहा हैं और हमारी पार्टी ने सपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इससे बीजेपी और अन्य पार्टियों की नींद उड़ गई है. बसपा सुप्रीमो ने कहा कि उत्तर प्रदेश तय करता है कि देश का प्रधानमंत्री कौन बनेगा और किसकी सरकार बनेगी.
इस मौके पर उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस दोनों पर निशाना साधा और कहा कि बीजेपी के साथ कांग्रेस एंड कंपनी को भी सबक सिखाने की जरुरत है. मायावती ने कहा बीजेपी को पांच राज्यों के चुनावों के नतीजों ने सबक सिखाया है. कांग्रेस ने भी किसानों का कर्ज माफ करने का घोषणा की है, लेकिन इससे किसानों को कुछ खास फायदा नहीं हुआ है. तीन राज्यों में बनी कांग्रेस की नई सरकार पर अभी से अंगुली उठने लगी है.
इस दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती नोएडा के एक पार्क में होने वाली नमाज पर लगी रोक का भ जिक्र किया और कहा कि बीजेपी और आरएसएस धर्म की राजनीति कर रहे हैं. नमाज पर भी रोक लगाने की कोशिश हुई और जुमे की नमाज को रोकने के लिए सरकारी तंत्र का इस्तेमाल किया गया.
जन्मदिन पर अपने तोहफा का जिक्र करते हुए मायावती ने बसपा और सपा कार्यकर्ताओं से अपील की है कि सभी पुराने गिले शिकवे भुलाकर निजी हितों को भूलकर विरोधियों के साम, दाम से बचकर एकजुट हो. यही मेरे जन्मदिन का तोहफा होगा. मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा का गठबंधन होने के बाद से बीजेपी की नींद गायब है. पीएम नरेंद्र मोदी के साथ अमित शाह एंड कंपनी परेशान है. हमको अब इनकी परेशानी को और बढ़ाना है. सपा-बसपा दोनों को मिलकर बीजेपी को साफ कर देंगे.