भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से बुधवार को होने वाली मुलाकात से पहले शिवसेना ने सामना के जरिये भाजपा पर करारा हमला किया है। सहयोगी दलों के साथ चार साल बाद बातचीत शुरू करने के भाजपा के कदम पर सवाल उठाते हुए शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि मातोश्री में सभी का स्वागत है लेकिन शिवसेना ने अब ‘एकला चलो रे’ की नीति अपना ली है। इसका सबूत हमने पालघर के चुनाव में दे दिया। अब शिवसेना अपनी नीति बदलने को तैयार नहीं है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिये भाजपा को अपने तीखे तेवर दिखा दिए हैं। सामना में लिखा गया है कि अमित शाह इन चुनावों में किसी भी तरह 350 सीटें जीतना चाहते हैं। सामना में लिखा गया है, “पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े हुए हैं, किसान सड़क पर हैं, इसके बावजूद बीजेपी चुनाव जीतना चाहती है। जिस तरह बीजेपी ने साम, दाम, दंड, भेद के जरिए पालघर का चुनाव जीता उसी तरह बीजेपी किसानों की हड़ताल को खत्म करना चाहती है। चुनाव जीतने की शाह की जिद को हम सलाम करते हैं।”
सामना में प्रकाशित इस लेख में आगे लिखा है, “मोदी पूरी दुनिया में घूम रहे हैं और शाह पूरे देश में घूम रहे हैं। बीजेपी को उपचुनावों में हार मिली है, क्या इसलिए अब उसने सहयोगी पार्टियों से मिलना शुरू कर दिया है। भले ही अब वह कनेक्शन बनाने की कोशिश करे, लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है। चंद्रबाबू नायडू एनडीए छोड़ गए, नीतीश कुमार भी अलग बयान दे रहे हैं।”
संपर्क फॉर समर्थन अभियान पर शाह
लोकसभा चुनाव से पूर्व विपक्ष के महागठबंधन की संभावित चुनौती के मद्देनजर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह राजग को दुरुस्त करने में जुट गए हैं। शाह की योजना सभी सहयोगियों से मिल कर गिले शिकवे दूर करने के अलावा लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा करने की है। इस सिलसिलमें में रविवार को लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान से मिल चुके शाह बुधवार को शिवसेना प्रमुख उद्घव ठाकरे और संभवत: बृहस्पतिवार को अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल से मुलाकात करेंगे। शाह की पहल पर पार्टी बिहार में अपने तीनों सहयोगियों जदयू, लोजपा और रालोसपा के साथ बैठक करेगी।
शाह की उद्घव से होने वाली मुलाकात बेहद अहम है। दरअसल अगला लोकसभा और विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा कर चुकी शिवसेना ने महाराष्ट्र में पालघर सीट पर हुए लोकसभा उपचुनाव में भाजपा के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा कर दिया था। हालांकि इस सीट पर भाजपा जीत गई थी, मगर इस दौरान दोनों दलों के बीच तल्ख बयानबाजी हुई थी।
माना जा रहा है कि महागठबंधन की बढ़ती चुनौतियों के कारण शाह शिवसेना को कुछ ठोस आश्वासन दे सकते हैं। इनमें केंद्रीय और राज्य मंत्रिमंडल में शिवसेना की भूमिका बढ़ाया जाना भी शामिल है। गौरतलब है कि सुलह के लिए भाजपा ने शिवसेना के समक्ष राज्यसभा के उपसभापति पद का प्रस्ताव रखा था, जिसे शिवसेना ने ठुकरा दिया।
इन हस्तियों से भी मिलेंगे शाह
बिहार में सहयोगी दलों से खटपट को ज्यादा न बढ़ने देने के लिए ही शाह के निर्देश पर सूबे के डिप्टी सीएम ने सीएम नीतीश कुमार को राज्य में राजग का चेहरा बताया था। अब बृहस्पतिवार की बैठक में राज्य के भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव सहयोगियों के गिले शिकवे दूर करेंगे।
टाटा-लता-माधुरी-मिल्खा से मिलेंगे शाह
संपर्क फॉर समर्थन अभियान के तहत शाह बुधवार को मुंबई में पार्श्व गायिका लता मंगेशकर, उद्योगपति रतन टाटा और अभिनेत्री माधुरी दीक्षित से मुलाकात करेंगे। जबकि बृहस्पतिवार के उनकी योजना चंडीगढ़ में नामचीन धावक मिल्खा सिंह से मिलने की है। इसी दौरान शाह अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल से भी मिलेंगे। इस अभियान के तहत शाह नामचीन हस्तियों को मोदी सरकार की उपब्धियों की जानकारी देते हैं।