लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री पद के लिए एनडीए के पास जहां नरेंद्र मोदी का चेहरा है वहीं विपक्षी दलों ने अभी तक अपने पीएम प्रत्याशी अपना नेता तलाश रहे हैं. हालांकि सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष होने के नाते राहुल गांधी का नाम लेकर बीजेपी हमले कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भाजपा की राष्ट्रीय परिषद के अधिवेशन में चुनाव को देखते हुए पीएम पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी. अपने भाषण में पीएम मोदी ने देशवासियों को बताया कि उन्हें दोबारा प्रधानमंत्री क्यों बनाया जाए. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मुकाबले अपनी खूबिया गिनाईं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी दलों पर देश में ‘मजबूर सरकार’ बनाने के प्रयास करने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश की जनता को तय करना है कि 2019 के चुनाव में उन्हें सेवाभाव, ईमानदारी एवं समर्पण भाव से काम करने वाला ‘प्रधानसेवक’ चाहिए या राजशाही में विश्वास करने वाला.
PM मोदी का सवाल क्या आप छुट्टी पर चले जाने वाला प्रधानसेवक चुनेंगे?
रामलीला मैदान में भाजपा की राष्ट्रीय परिषद के अधिवेशन के दूसरे दिन समापन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने सवाल किया कि क्या आप ऐसे सेवक को पसंद करेंगे जो आपके घर का पैसा चोरी करके अपने परिवार में बांटे? क्या आप चाहते हैं कि वो पड़ोसियों को आपके घर के अंदर की बात बताए? क्या हम ऐसा सेवक पसंद करेंगे जो परिवार के सदस्यों के कान भरकर लड़ाता हो? उन्होंने पूछा कि क्या आप ऐसा सेवक पसंद करेंगे जिसे घर की मर्यादा का ख्याल नहीं है, क्या आप ऐसा सेवक चाहते है कि जब घर में जरूरत हो तब दो-तीन महीने छुट्टी पर चला जाए और उसका पता नहीं भी न हो .
मोदी ने कहा, ‘जैसे आप अपने घर का सेवक तय करते हैं वैसे ही तय कीजिए की देश को कैसा प्रधानसेवक चाहिए. देश को तय करना है कि उन्हें कैसा सेवक चाहिए.’ उन्होंने पूछा कि रात दिन काम करने वाला, अपनेपन के साथ सेवाभाव से जुड़ने वाला, भावी पीढ़ी की सेवा करने वाला, ईमानदारी से काम करने वाला, सबको एकजुट रखने वाला प्रधानसेवक चाहिए या वो वाला चाहिए.
PM मोदी ने पूछा- क्या आप जमानत पर रिहा नेता को प्रधानसेवक चुनेंगे?
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसका नामदार परिवार व्यवस्था को कैसे तोड़ता है उसका उदाहरण है कि नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस अध्यक्ष व अन्य नेता जमानत पर बाहर हैं. इस केस से पता चलता है कि कांग्रेस के नेता जनता की जमीन एवं धन भी हड़प लेते हैं. लेकिन उन्हें संस्थाओं की कोई परवाह नहीं होती है.
गांधी परिवार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि आज उन्हें सीबीआई स्वीकार नहीं है, कल कोई दूसरी संस्था स्वीकार नहीं होगी. सेना, पुलिस, सुप्रीम कोर्ट, इलेक्शन कमीशन, सीएजी, सब गलत हैं, लेकिन एकमात्र वही सही हैं.
उन्होंने कहा कि क्या हम राष्ट्र को उनके भरोसे छोड़ सकते हैं? जमानत पर बाहर घूमनें वाले इन नेताओं को न कानून पर विश्वास है, न सत्य पर भरोसा है, और न ही इनको संस्थानों पर विश्वास है. ‘‘ इनको राजशाही पर भरोसा है, लेकिन हम लोकशाही को मनाने वाले लोग हैं .’’ उन्होंने कहा कि यंग इंडिया के मामले में 44 बार बुलाया गया, लेकिन वे एक बार भी नहीं गए .
PM मोदी ने बताया जब वह CM थे तो उन्हें कैसे परेशान किया गया
मोदी ने बताया कि जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब किस प्रकार से उन्हें परेशान किया गया, उनसे घंटों पूछताछ की गई . उन्होंने कहा कि वे कानून को मानने वाले लोग हैं और उन्होंने पूरा सहयोग किया.
PM मोदी ने बताया यूपीए के राज में कैसे बांटे गए लोन
बैंकों से कर्ज लेने वाले एवं कर्ज के चूककर्ता कारोबारियों के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले देश उस स्थिति में था जब बैंकों में अपना पैसे जमा करने वालों की कोई कद्र नहीं थी. जिनके पास जनता के पैसे की रक्षा की जिम्मेदारी थी, वो ही जनता का पैसा लुटा रहे थे, कांग्रेस की सरकार में जनता का पैसा घोटालेबाजों को लोन के रूप में दिया जा रहा था.
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के समय कर्ज लेने के दो तरीके थे. एक था कॉमन प्रोसेस और दूसरा कांग्रेस प्रोसेस. कॉमन प्रोसेस में आप बैंक से लोन मांगते थे और कांग्रेस प्रोसेस में बैंकों को कांग्रेस के घोटालेबाज मित्रों को लोन देने के लिए मजबूर किया जाता था.
मोदी ने कहा कि हमने कांग्रेस प्रोसेस वाली लोन व्यवस्था पर लगाम लगाई है. इसका परिणाम है कि जहां पहले बैंकों का पैसा जा रहा था, वहीं अब बैंकों का पैसा वापस आ रहा है .
PM मोदी बोले- महागठबंधन चाहता है मजबूर सरकार?
महागठबंधन की पहल के संदर्भ में मोदी ने कहा कि जो राजनीतिक दल एक जमाने में कांग्रेस के तौर तरीकों को सही नहीं मानते थे वो आज एकजुट हो रहे हैं. जब कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता जमानत पर हैं, तब ये दल कांग्रेस के सामने सरेंडर कर रहे हैं. ये देश के मतदाताओं को धोखा देने का प्रयास है.
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि ये सारे मिलकर क्यों साथ आ रहे हैं, इनका इरादा क्या है. ये सारे दल मिलकर देश में एक मजबूर सरकार बनाने में लगे हैं. वे नहीं चाहते कि देश में मजबूत सरकार बने और इनकी दुकान फिर बंद हो जाए.
मोदी ने कहा कि विरोधी दलों के लोग आरोप लगाते हैं हमने सिर्फ योजनाओं के नाम बदले हैं. ऐसे लोग ये बताएं कि कितनी योजनाएं नरेन्द्र मोदी के नाम से चल रही है? ये इसलिए है क्योंकि भाजपा में हमें यही सिखाया गया है कि स्वयं से बड़ा दल और दल से बड़ा देश होता है.