राजनैतिक प्रस्ताव केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पेश किया और उसका अनुमोदन वित्तमंत्री अरुण जेटली आदि नेताओं ने किया। हर्षित करतल ध्वनि के बीच स्वीकार किए गए इस प्रस्ताव में किसानों, युवाओं, महिलाओं और गरीबों के लिए पिछले चार साल में चलाई गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं और उनकी उपलब्धियों का विस्तार से उल्लेख किया गया है। राजनैतिक प्रस्ताव में विपक्ष की महागठबंधन की राजनीति पर हमला बोलते हुए कहा गया कि यह बेमेल गठजोड़ नरेन्द्र मोदी के प्रति नफरत के आधार पर बनाया जा रहा है। अतीत में भी ऐसी गठजोड़ सरकारें बनीं, जिनका जीवन चार महीने से एक साल तक चला। यह सब 1990 के दशक में हुआ और 2019 का भारत बदल चुका है। देशवासी आज स्थिरता और अस्थिरता के बीच स्थिर सरकार का ही चुनाव करेंगे। प्रस्ताव में युवा मतदाताओं विशेषकर पहली बार मतदान करने जा रहे युवाओं का आह्वान किया गया कि वे शत-प्रतिशत मतदान कर मोदी की जीत का मार्ग प्रशस्त करें।
रामलीला मैदान में राष्ट्रीय परिषद का यह आयोजन एक तरह से इतिहास की पुनरावृत्ति होने जैसा था। राजनैतिक प्रस्ताव में उल्लेख किया गया कि वर्ष 2014 में इसी रामलीला मैदान में भाजपा का राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ था, जिसमें कमान नरेन्द्र मोदी को सौंपी गई थी और चुनाव में जनादेश हासिल किया गया था। उस समय कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार, नीतियों के नकारापन और भगवा आतंकवाद जैसे दुष्प्रचार के खिलाफ जनता ने जनादेश दिया था। वर्ष 2019 के इस आयोजन के समय देश के सामने निर्णायक नेतृत्व और राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं से भरे अवसरवादी नेताओं के बीच चुनाव का मौका है। पार्टी ने मतदाताओं से मोदी के नेतृत्व पर भरोसा बनाए रखने और कार्यकर्ताओं से विजय की नई इबारत लिखने का आह्वान किया।