कहा, अपनी कार्यशैली में पारदर्शिता से कायम रखें भरोसा
पिछले कई गठबंधनों से सीखना होगा बहुत कुछ
लखनऊ : आखिरकार बसपा प्रमुख मायावती और सपा मुखिया अखिलेश यादव ने राजधानी के ताज होटल से शनिवार को सपा—बसपा गठबंधन का ऐलान कर दिया। उनके इस गठबंधन से प्रदेश की सियासत में हलचल बढ़ गयी है। इस गठबंधन पर अपना विचार व्यक्त करते हुए समाज सेवी, आल इन्डिया मुस्लिम महिला पर्सनल लाॅ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अम्बर का कहना है कि पूर्व में हुए गठबंधनों का इतिहास आम जनता व कार्यकर्ता में अविश्वास की भावना से दुख पहुचाये हैं परन्तु युवा चेहरे में अखिलेश यादव, अध्यक्ष समाजवादी पार्टी के जुझारू, साफ़—सुथरी, बेदाग़, छबी, विनम्र स्वभाव के कारण से हमें उमीद है। सभी की छोटी से छोटी, आम जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे। मेरी नेक दुआओं के साथ शुभकामनाएं हैं। सपा और बसपा गठबन्धन से महिलाओं, बेटियों को सुरक्षा, नौजवानों को उनकी योग्यता के अनुसार रोज़गार मिले, विकास के हर क्षेत्र में, खाली पड़ी जगहों में योग्य लोग आएं। छोटे, बड़े व्यपारियों को, किसानों, मज़दूरों के उनके बर्बाद हुए व्यपार को तरक्की खुशहाली के दरवाज़े खुले, देश के बहुमूल्य कृषि को बढा़या जाए तथा बन्द हुए कारख़ानों को तकनीकी सुविधा के साथ सुचारू रूप से चलाया जाए।
उन्होंने कहा कि जनता का भरोसा, विश्वास, अमन, शान्ति, आपसी भाईचारा कायम हो, इसका विशेष ध्यान दिया जाए। भय मुक्त सरकार हो, गुन्डों, भूमाफ़ियायों, दलालों को सरकारी कार्यालय से दूर रखा जाए। सम्प्रदायवाद, जातिवाद, हिंसा पर अंकुश लगाया जाए। सरकारी नौकरियों में खाली जगह में नियुक्ति में भी प्राथमिकता हो, शिक्षा के हर स्तर पर, महंगी फीसों पर अंकुश लगे ताकि गरीब परिवार की बेटी या बेटा सभी समाज समुदाए को संविधान के अनुसार हक़ दिया जाए। इन्जिनियर, डाक्टर, आर्मी,जज तथा कार्यपालिका, न्याय पालिका, विधायिका आदि में अपनी योग्यता दर्ज कराएं। ग्राम पंचायत से लेकर ज़िला स्तर पर चिन्हित करके उनको मौक़ा दें, उनके उज्जवल भविष्य के लिए मज़बूत क़दम उठाएं।
शाइस्ता अंबर का कहना है कि यह गठबंधन अपनी कार्यशैली में पारदर्शिता, भरोसा कायम रखें ताकि कार्यकर्ता गठबन्धन से आत्मविश्वास के साथ अपने क्षेत्रों में जनता का भरोसा दिलाने में संकोच ना रखें। महिलाओं बेटियों के मुद्दों पर अल्पसंख्यकों, दलितों को सुरक्षा और तरक्की की खुशहाली का भरोसा दिलाएं।
देश की 23 प्रतिशत आबादी वाले मुस्लिम समुदाए की तरक्की के लिये योजनाओं से लाभ सुनिश्चित हों। सच्चर कमेटी, रंगनाथ मिश्रा की रिपोर्ट पर न्याप्रियता, निष्पक्षता से उनको खुशहाली का ऐतिहासिक क़दम उठाया जाए। बेगुनाहों पर फ़र्जी मुकदमे की खास जाचं कमेटी बनाकर, उनकी रिहाई और रोटी रोज़ी शिक्षा, सुरक्षा पर मज़बूत कदम उठाएं। दोषियों को हिंसा, सम्प्रदायवाद फैलाने वालों को सज़ा हो ताकि न्यापालिका, कार्यपालिका पर आम लोगों का भरोसा का़एम हो। आपसी सौहार्द, काएम हो। पिछले कई गठबंधनों से बहुत कुछ सीखना होगा।