MP: अफसर ने किया खुलासा, ‘खान’ सरनेम की वजह से मिली प्रताड़ना

मध्य प्रदेश में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी नियाज अहमद खान ने खुद के मुस्लिम होने से मिलने वाली उपेक्षा और द्वितीय दर्जे का बर्ताव किए जाने का आरोप लगाया है. खान ने बुधवार को एक के बाद एक कई ट्वीट कर अपनी तकलीफ को जाहिर किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि सरकारी सेवा में 17 साल, 10 जिलों में स्थानांतरण और 19 पारी (शिफ्ट) में, मुझे हमेशा एक जर्मन यहूदी की तरह अछूत महसूस कराया गया. खान उपनाम ने मुझे भूत की तरह मार डाला.

अंडर वर्ल्ड अबु सलेम पर उपन्यास लिखकर चर्चाओं में आए खान ने लिखा है कि गुना जिले में मैंने देश के सबसे बड़े ओडीएफ घोटाले और सहरिया जनजातियों के खिलाफ क्रूरता का पर्दाफाश किया. 600 मुक्तिग्राम बनाए गए, मुझे लूप लाइन में भेजा गया और दोषी अधिकारियों को काम करने का बेहतर अवसर दिया गया. यह किस तरह का न्याय है?”

खान ने एक ट्वीट में लिखा है, “एक समय था जब मैं अवसाद के कगार पर पहुंच गया था लेकिन साहित्य ने मुझे गिरने से बचा लिया. मैंने अपने साथ हुए भेदभाव को सृजन में बदल दिया है और अब मैं पांच उपन्यासों के साथ अंग्रेजी उपन्यासकार हूं.”
अपने दर्द को बयां कर खान ने एक ट्वीट में लिखा, “अब मैं अपना छठा उपन्यास ए टेल ऑफ़ नोक्टूरल लवर लिख रहा हूं, जिसमें मैं दिखाऊंगा कि कैसे मुस्लिम अधिकारियों को द्वितीय श्रेणी का नागरिक माना जाता है. यह मेरे अपने अनुभवों पर आधारित है.”

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