भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की विज्ञापन वाली सरकार को हटाने के नारे और अपनी ब्रांडिंग नहीं करने के वादे के साथ मध्य प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में लौटने वाली कांग्रेस भी अब अपनी ब्रांडिंग में जुट गई है. दरअसल, किसानों की कर्जमाफी के प्रदेशभर में जो फॉर्म बांटे जा रहे हैं उसमें राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ की फोटो लगाई गई है और बीजेपी को इन्ही तस्वीरों वाले फॉर्म पर आपत्ति है.
सोशल मीडिया समेत तेजी से बढ़ते प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जमाने में ब्रांडिंग बेहद जरूरी मानी जाती है, चाहे ग्लैमर वर्ल्ड हो या राजनीतिक दल, कोई भी इस बैंडिंग से अछूते नहीं है. यही वजह है बीजेपी की सरकार को विज्ञापनों वाली सरकार कहने वाली कांग्रेस भी अब खुद की ब्रांडिंग पर उतर आई है. किसानों के कर्जमाफी के जो फॉर्म प्रदेश भर में बांटे जा रहे हैं, उसमें कमलनाथ की तस्वीर छपी है. बीजेपी के मुताबिक जिस ब्रांडिंग के लिए कांग्रेस ने मना किया था अब वही ब्रांडिंग करती नई सरकार नजर आ रही है.
बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि ‘फोटो खिंचवा कर जनता को गुमराह करने का काम किया जा रहा है क्योंकि 10 दिनों में कर्जमाफी की घोषणा करने वाली कांग्रेस 10 किसान, 10 गांव, 10 बैंक के नाम पता बता दे जिनके कर्ज माफ हुए हों. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पूरे मामले को सड़क तक ले जाएगी और विरोध करेगी. शिवराज के चित्र मुख्यमंत्री के रूप में लगे थे, बीजेपी नेता के रूप में नहीं, कमलनाथ आप भी मुख्यमंत्री हो जब आपने विरोध किया था तो आपने चित्र लगवाने का काम क्यों किया?
क्यों ना लगाएं फोटोः कांग्रेस
चुनाव में जीत हासिल करने और 15 साल बाद राज्य में फिर सरकार बनाने के बाद कमलनाथ सरकार ने बीते लगभग 1 महीनों में एक भी विज्ञापन नहीं देकर साबित करने की कोशिश की थी कि अगले 5 साल उसकी सरकार विज्ञापनों में करोड़ों खर्च करने की बजाए जनता के हित के कामों में पैसा खर्च करेगी, लेकिन अब किसानों की कर्जमाफी वाले फॉर्म पर कमलनाथ की तस्वीर से बीजेपी को बोलने का मौका मिल गया है.
इस पर राज्य के जनसंपर्क और कानून मंत्री पीसी शर्मा का कहना कहा है कि मुख्यमंत्री ने एक घंटे के अंदर ही कर्जमाफी के आदेश जारी कर दिया था और मंत्रिमंडल में 11 दिन के अंदर ही यह आ भी गया. अगर कांग्रेस ने किसानों का कर्ज माफ कर दिया तो ये मेसेज तो जाना चाहिए कि ये कामलनाथ ने किया है.
पीसी शर्मा ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा, ‘जहां तक बीजेपी का सवाल है तो 100-100 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली वाला मामला है. इनने तो इतने विज्ञापन दिए हैं करोड़ों के, उसकी खुद जांच होनी है और 15 साल इन्होंने मार्केटिंग के अलावा कुछ किया ही नहीं.’
दरअसल, कर्जमाफी का वादा कांग्रेस के लिए चुनाव में बीजेपी के खिलाफ मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ था, वहीं विज्ञापनों समेत अपनी ब्रांडिंग ना कर कांग्रेस ने जनता के सामने इमेज भी बनाई थी कि इस बार कांग्रेस की सरकार नाम के बजाए काम पर ध्यान देगी.