लखनऊ : राम मंदिर को लेकर इंतजार फिलहाल और लंबा होने वाला है क्योंकि इस मामले की सुनवाई कोर्ट ने 29 जनवरी के लिए टाल दी है। दरअसल मुस्लिम पक्षकार राजीव धवन के जस्टिस यूयू ललित को लेकर आपत्ति दर्ज कराने के बाद अब 29 जनवरी को नई बेंच का गठन होगा। इस मामले में एक और तारीख मिलने के बाद कोर्ट के बाहर खड़े लोगों का गुस्सा बढ़ गया और वह तरह-तरह से प्रदर्शन करने लगे।
एक गुट ने तो चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर रासुका लगाने तक की तख्ती लहरा डाली। गौरतलब है कि मुस्लिम पक्षकार ने जस्टिस ललित और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह कनेक्शन को लेकर सवाल उठाए जिसके बाद जस्टिस ललित ने खुद को इस केस की सुनवाई से अलग कर लिया है। इसके अलावा हिंदू महासभा के वकील ने दस्तावेजों के अनुवाद की जांच करने की मांग की है। वहीं बाहर खड़ी महिला प्रदर्शनकारी भी काफी आक्रोशित थीं और उनका प्रदर्शन इतना उग्र था कि पुलिस को उन्हें हिरासत में लेना पड़ा।राम मंदिर मामले में फैसला करने की मांग करती महिला प्रदर्शनकारी। बता दें कि नई बेंच की गठन के बाद दस्तावेजों के अनुवाद की पुष्टि की जाएगी।
कोर्ट में कुल 13886 पन्नों के दस्तावेज पेश किए गए और 257 संबंधित दस्तावेज और वीडियो टेप की नए सिरे से जांच होनी बाकी है। इसके अलावा हाईकोर्ट के फैसले के 4304 प्रिंटेड और 8533 टाईप किए पन्नों का भी अनुवाद 29 जनवरी तक पूरा करने के निर्देश दिया गया हैं। गौरतलब है कि मामले से जुड़े मूल दस्तावेज अरबी, फारसी, संस्कृत, उर्दू और गुरमुखी में लिखे गए हैं। वहीं कई प्रदर्शनकारियों ने मानव श्रृंखला भी बनाई और जल्द राम मंदिर पर फैसले की मांग की।