अपनी चर्चित कार्यशैली को लेकर मीडिया की सुर्खियों में रहने वाली आईएएस अफसर बी. चंद्रकला के घर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने हाल ही में छापेमारी कर राजनीतिक और प्रशासिनक गलियारों में हलहल मचा दी. चंद्रकला पर उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में डीएम रहते हुए अवैध खनन व अपने चहेतों को खनन पट्टे देने का आरोप है. अब इस मामले को लेकर आईएएस चंद्रकला ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए सोशल मीडिया के जरिए सीबीआई की छापेमारी को चुनावी छापा बताया है.
अपने linkedin अकाउंट पर एक कविता पोस्ट करते हुए उसके अंत में कथित रूप से बी. चंद्रकला ने लिखा है, ”चुनावी छापा तो पड़ता रहेगा, लेकिन जीवन के रंग को क्यों फीका किया जाए दोस्तों…आप सब से गुजारिश है कि मुसीबतें कैसी भी हों, जीवन की डोर को बेरंग ना छोड़ें.” पूरी कविता…
रे रंगरेज़! तू रंग दे मुझको।।
रे रंगरेज़ तू रंग दे मुझको ,
फलक से रंग, या मुझे रंग दे जमीं से ,
रे रंगरेज़! तू रंग दे कहीं से।।
छन-छन करती पायल से,
जो फूटी हैं यौवन के स्वर;
लाल से रंग मेरी होंठ की कलियां,
नयनों को रंग, जैसे चमके बिजुरिया,
गाल पे हो, ज्यों चांदनी बिखरी ,
माथे पर फैली ऊषा-किरण ,
रे रंगरेज़ तू रंग दे मुझको,
यहाँ से रंग, या मुझे रंग दे, वहीं से,
रे रंगरेज़ तू रंग दे, कहीं से।।
कमर को रंग, जैसे छलकी गगरिया,
उर,,,उठी हो, जैसे चढती उमिरिया,
अंग-अंग रंग, जैसे, आसमान पर,
घन उमर उठी हो बन, स्वर्ण नगरिया।।
रे रंगरेज़ ! तू रंग दे मुझको ,
सांस-सांस रंग, सांस-सांस रख ,
तुला बनी हो ज्यों, बांके बिहरिया,
रे रंगरेज़ ! तू रंग दे मुझको।।
पग- रज ज्यों, गोधुली बिखरी हो,
छन-छन करती नुपूर बजी हो,
फाग के आग से उठती सरगम,
ज्यों मकरंद सी महक उड़ी हो ।।
रे रंगरेज़ तू रंग दे मुझको ,
खुदा सा रंग, या मुझे रंग दे हमीं से ,
रे रंगरेज़ तू रंग दे, कहीं से ।।
पलक हो, जैसे बावड़ी वीणा ,
कपोल को चूमे , लट का नगीना,
तपती जमीं सा मन को रंग दे,
रोम-रोम तेरी चाहूं पीना ।।
रे रंगरेज़ तू रंग दे मुझको ,
बरस-बरस मैं चाहूं जीना।।
– बी. चंद्रकला, आईएएस।।
चुनावी छापा तो पड़ता रहेगा, लेकिन जीवन के रंग को क्यों फीका किया जाए दोस्तों।
आप सब से गुजारिश है कि मुसीबतें कैसी भी हों, जीवन की डोर को बेरंग ना छोड़ें।।
जब आईएएस अफसर से पूछा गया कि आपको बेबाकी से अपनी बात रखने के लिए आपको जाना जाता है. मीडिया में जाकर इस मसले पर सफाई क्यों नहीं देती हैं तो इस पर चंद्रकला ने जवाब दिया, ”फिलहाल मामला न्यायालय में है. बेहतर होगा कि अभी जांच एजेंसी को अपना काम करने दिया जाए. समय आने पर मामले से संबंधित बातें हम पब्लिक डोमेन में भी रखेंगे.”
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में हुए अवैध खनन के मामले में सीबीआई ने बीते शनिवार को तत्कालीन डीएम बी.चन्द्रकला के लखनऊ आवास पर छापा मारा. जानकारी के मुताबिक, यहां से सीबीआई टीम ने घर से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए. आपको बता दें कि डीएम के खिलाफ मौरंग खनन को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. इस केस तहत सीबीआई ने कानपुर, जालौन, हमीरपुर और दिल्ली के कई ठिकानों पर छापेमारी की.
केंद्र के सामान्य प्रशासन विभाग की जानकारी के मुताबिक, 2008 बैच की आईएएस चंद्रकला की संपत्ति 2011-12 में सिर्फ 10 लाख रुपए थी, जो 2013-14 में 10 गुना बढ़कर एक करोड़ रुपए हो गई.
दरअसल, योगी सरकार के सत्ता में आने से पहले अखिलेश यादव सरकार में आईएएस बी.चन्द्रकला की पोस्टिंग पहली बार हमीरपुर जिले में जिलाधिकारी के पद पर की गई थी. आईएएस चन्द्रकला पर आरोप है कि साल 2012 के बाद हमीरपुर जिले में 50 मौरंग के खनन के पट्टे किए थे. ई-टेंडर के जरिए मौरंग के पट्टों पर स्वीकृति देने का प्रावधान था. लेकिन, बी.चन्द्रकला ने सारे प्रावधानों की अनदेखी की थी.
इसके बाद ही साल 2015 में अवैध रूप से जारी मौरंग खनन को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट ने 16 अक्टूबर 2015 को हमीरपुर में जारी किए गए सभी 60 मौरंग खनन के पट्टे अवैध घोषित करते हुए रद्द कर दिए थे. याचिकाकर्ता का आरोप है कि मौरंग खदानों पर पूरी तरह से रोक लगाने के बाद भी जिले में अवैध खनन खुलेआम किया गया. साल 2016 को तमाम शिकायतों और याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अवैध खनन की जांच सीबीआई को सौंप दी थी, जिसके बाद से सीबीआई इस केस की जांच कर रही है.
लखनऊ के साथ सीबीआई ने जालौन में भी छापेमारी की, जिसके बाद ठेकेदारों में हड़कंप मच गया. एक ठेकेदार का नाम रामावतार राजपूत बताया जा रहा है, जो बसपा पार्टी के पदाधिकारी है. वहीं, दूसरे ठेकेदार का नाम करन सिंह राजपूत है. ये दोनों हमीरपुर और जालौन में मौरम की खादान चलाते हैं. कानपुर में कारोबारी रमेश मिश्रा के यहां सीबीआई का छापेमारी की. रमेश मिश्रा पर अवैध खनन के आरोप लगते रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, उनके किदवई नगर स्थित ठिकानों पर सीबीआई टीम पहुंची और छानबीन की.