एंड्रॉयड स्मार्टफोन निर्माताओं ने 2019 में 5जी-आधारित मॉडल लांच करने की तैयारी की है. लेकिन, उनकी कुल बिक्री केवल 50 लाख हैंडसेट के होने का अनुमान लगाया गया है. एक रिपोर्ट में बुधवार को यह जानकारी दी गई. समाचार एजेंसी योनहाप की रिपोर्ट में बताया गया कि इंडस्ट्री ट्रैकर ट्रेंडफोर्स के मुताबिक प्रमुख स्मार्टफोन निर्माताओं जैसे सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स और हुआवेई ने 5जी डिवाइस में सक्रियता से निवेश किया है, ताकि बाजार की अगुवाई कर सकें.
रिपोर्ट में कहा गया कि 5जी मॉडल की पैठ हालांकि केवल 0.4 फीसदी होगी क्योंकि संबंधित अवसंरचना का निर्माण पूरी तरह से पूरा नहीं हुआ है. ट्रेंडफोर्स ने कहा कि वाणिज्यिक संचार के लिए 5जी बेस स्टेशनों के 2022 तक व्यापक रूप से स्थापित होने की संभावना नहीं है. रिपोर्ट में बताया गया कि 5जी स्मार्टफोन को लोकप्रिय बनाने के लिए 5जी अवसंचरना की बड़े पैमाने पर स्थापना की जरूरत है और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को 5जी नेटवर्क की तैनाती तेजी से करनी होगी.
पिछले दिनों चाइनीज कंपनी हुआवेई ने वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के साथ मिलकर देश में 5जी परीक्षण का प्रस्ताव दिया था. दोनों कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी इस संबंध में दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन से मुलाकात कर चुके हैं. दूरसंचार निर्यात संवर्धन परिषद ने हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से अनुरोध किया था कि हुआवेई, जेडटीई और फाइबरहोम जैसी चीन की दूरसंचार उपकरण बनाने वाली कंपनियों से सरकारी सेवाओं के लिए उपकरण खरीदने पर रोक लगा दी जाए. परिषद ने इन कंपनियों से राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा होने की आशंका व्यक्त की थी. हालांकि दूरसंचार कंपनियों के संगठन सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने टीईपीसी की मांग को निराधार बताया.
हुआवेई के रेस में आने पर सरकार 5जी नेटवर्क की व्यावसायिक शुरुआत करते समय राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे से संबंधित आशंकाओं पर गौर करेगी. हालांकि, जहां तक 5जी सेवाओं के परीक्षण में इन कंपनियों के भाग लेने की बात है, सरकार को फिलहाल इससे कोई दिक्कत नहीं है.