देश भर में स्मार्ट बिजली मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को दिन में समय के हिसाब से शुल्क अदा करना होगा. यानी कि व्यस्त घंटों में उन्हें बिजली के लिए ऊंचा शुल्क चुकाना होगा जबकि अन्य समय में बिजली की दर कम होगी. बिजली मंत्री आर के सिंह ने बुधवार को यह जानकारी दी. सिंह ने कहा, ‘‘अलग समय पर अलग शुल्क के लिए स्मार्ट मीटर लगाए जाने जरूरी हैं. इसका मतलब है कि उपभोक्ताओं को मांग ऊंची होने पर अधिक शुल्क देना होगा, जबकि मांग कम होने पर बिजली की दर कम होगी.’’
सिंह नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) क्षेत्र में 50,000 परंपरागत मीटरों को स्मार्ट मीटरों से बदलने की परियोजना के पूरा होने के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सरकार बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण के सभी पहलुओं को बदलते समय के साथ बदलेगी और स्मार्ट प्रौद्योगिकी अपनाएगी. मंत्री ने कहा कि स्मार्ट बिजली मीटर लगने के बाद बिल और भुगतान आटोमैटेड हो जाएगा और उपभोक्ता अपने उपभोग के तरीके बारे में जान पाएंगे.
उन्होंने कहा कि कर्ज के बोझ से दबी बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के पुनरुद्धार के लिए सरकार उदय योजना का दूसरा संस्करण उदय-दो लाने की तैयारी में है. मंत्री ने बताया कि सौभाग्य योजना के तहत छह लाख घरों का विद्युतीकरण बचा है, जो 26 जनवरी तक पूरा हो जाएगा. यह 31 मार्च की समयसीमा से दो महीने पहले पूरा होगा.