लखनऊ मेट्रो ने बुधवार को उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर के बाकी के हिस्से पर भी अंतिम ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, जो कि सेवा के जल्द शुरू होने का संकेत है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. चौधरी लखनऊ मेट्रो ने बुधवार को उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर के बाकी के हिस्से पर भी अंतिम ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, जो कि सेवा के जल्द शुरू होने का संकेत है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से मुंशीपुलिया तक 23 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर का निर्माण कार्य अप्रैल की डेडलाइन से पहले ही पूरा कर लिया गया है. अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि इस कॉरिडोर में 21 स्टेशन होंगे और अधिकतम किराया 60 रुपये होगा. उन्होंने कहा, “मेट्रो का काम फरवरी तक पूरा हो जाएगा.”
अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में मुंशीपुलिया से हवाई अड्डे तक पहुंचने में 90 मिनट का वक्त लगता है. एक बार मेट्रो शुरू हो जाने पर यह दूसरी 40 मिनटों में तय की जा सकेगी और लोगों को ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी. ट्रांसपोर्ट नगर और चारबाग के बीच 8.5 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता वाले कॉरिडोर पर काम करते हुए लखनऊ मेट्रो रेल कॉर्प (एलएमआरसी) ने कई महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किए थे.
एलएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने कहा कि बाकी के उत्तर-दक्षिणी कॉरिडोर का काम रिकार्ड समय में पूरा हो रहा है. उन्होंने कहा, “लखनऊ जैसे शहर में मेट्रो का निर्माण अपने आप में एक चुनौती है.” लखनऊ मेट्रो का काम साल 2014 में 27 सितंबर को शुरू हुआ था. 8.5 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर का निर्माण ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग रेलवे स्टेशन के बीच किया गया था जिस पर 5 सितंबर 2017 से कॉमर्शियल परिचालन शुरू हुआ.
यह केंद्र और राज्य सरकार का संयुक्त उद्यम है. इसके अलावा, प्रोजेक्ट की 53 फीसदी लागत यानी 3502 करोड़ रुपये का भुगतान यूरोपियन इनवेस्टमेंट बैंक द्वारा किया जा रहा है. उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर को पूरा करने की लागत 6928 करोड़ रुपये हैचरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से मुंशीपुलिया तक 23 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर का निर्माण कार्य अप्रैल की डेडलाइन से पहले ही पूरा कर लिया गया है. अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि इस कॉरिडोर में 21 स्टेशन होंगे और अधिकतम किराया 60 रुपये होगा. उन्होंने कहा, “मेट्रो का काम फरवरी तक पूरा हो जाएगा.”
अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में मुंशीपुलिया से हवाई अड्डे तक पहुंचने में 90 मिनट का वक्त लगता है. एक बार मेट्रो शुरू हो जाने पर यह दूसरी 40 मिनटों में तय की जा सकेगी और लोगों को ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी. ट्रांसपोर्ट नगर और चारबाग के बीच 8.5 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता वाले कॉरिडोर पर काम करते हुए लखनऊ मेट्रो रेल कॉर्प (एलएमआरसी) ने कई महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किए थे.
एलएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने कहा कि बाकी के उत्तर-दक्षिणी कॉरिडोर का काम रिकार्ड समय में पूरा हो रहा है. उन्होंने कहा, “लखनऊ जैसे शहर में मेट्रो का निर्माण अपने आप में एक चुनौती है.” लखनऊ मेट्रो का काम साल 2014 में 27 सितंबर को शुरू हुआ था. 8.5 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर का निर्माण ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग रेलवे स्टेशन के बीच किया गया था जिस पर 5 सितंबर 2017 से कॉमर्शियल परिचालन शुरू हुआ.
यह केंद्र और राज्य सरकार का संयुक्त उद्यम है. इसके अलावा, प्रोजेक्ट की 53 फीसदी लागत यानी 3502 करोड़ रुपये का भुगतान यूरोपियन इनवेस्टमेंट बैंक द्वारा किया जा रहा है. उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर को पूरा करने की लागत 6928 करोड़ रुपये है