बदमाशों में वर्दी का खौफ हो और लोगों को तत्काल पुलिस की मदद मिले, इसलिए श्योपुर पुलिस ने पूरे जिले में चौकियों का जाल बिछाया। जानकर आश्चर्य होगा कि पुलिस चौकियां खुलने के बाद क्राइम का ग्राफ घटने की बजाय बढ़ा है। वाहन चोरी से लेकर लूट, डकैती की घटनाएं चरम पर हैं।
चोरों में पुलिस का खौफ कितना है वह इसी से समझ जाइए कि, श्योपुर-मुरैना हाईवे पर बनी पुलिस चौकी का मैन गेट ही चोरी हो गया है। करीब दो साल पहले तत्कालीन एसपी साकेत प्रकाश पाण्डेय ने मुरैना-श्योपुर हाईवे के बीच में रघुनाथपुर मोड और बरगवां-बुढेरा चौराहे पर दो चौकियों के लिए भवन निर्माण करवाया था।
पर इनमें कभी भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं रहे। सूनी पड़ी पुलिस चौकियों से बदमाशों को कोई डर नहीं लगता और जरूरतमंदों को मदद नहीं मिल पाती। अलबत्ता रघुनाथपुर चौकी का मेन गेट ही चोरी हो गया है। इसी तरह बरगवां चौकी भी सुनसान पड़ी है। जिसके बिजली बोर्ड तक चोरी हो गए हैं।
सोंई चौकी : किराए के विवाद में बंद
करीब तीन साल पहले सोंईकला कस्बे में पुलिस चौकी का उद्घाटन हुआ। पुलिस चौकी एक निजी भवन में खोली गई, जिसका एक हजार रुपए महीना किराया तय हुआ। एक साल तक देहात पुलिस ने किराया दिया नहीं। बाद मंे किराए की जिम्मेदारी सोंई ग्राम पंचायत पर डाल दी गई। ग्राम पंचायत ने जैसे-तैसे करके 12 महीने के 12000 रुपए किराए मकान मालिक को चुकाया। उसके बाद किराया देने से मना कर दिया। तीन साल पहले खुली यह चौकी दो साल से बंद पड़ी है।
बाकी चौकियों के भी बुरे हाल
करीब पौने तीन साल पहले फक्कड़ चौराहा पर भी पुलिस चौकी खोली गई। यहां भी निजी भवन को किराए पर लेकर पुलिस चौकी खोली गई। चार पुलिसकर्मियों की ड्यूटी भी लगाई गई। शुरू होने के एक सप्ताह बाद ही इस चौकी पर ऐसा ताला लगा जो आज तक नहीं खुला। इसके अलावा गोरस चौकी में दो साल से ताला पड़ा है। बस स्टैंड चौकी लोगों के लिए सिर्फ शोपीस बनी हुई है।