पीसीएस जे 2018 (मुख्य) परीक्षा की तारीख में बदलाव की मांग कर रहे अभ्यर्थियों को उप्र लोकसेवा आयोग यानी यूपीपीएससी से निराशा हाथ लगी है। तमाम विधिक नियमों और आदेशों का हवाला दिए जाने व सोमवार को अभ्यर्थियों की एकजुटता के बावजूद यूपीपीएससी ने मजबूरियां बताते हुए तारीख में बदलाव से साफ इन्कार कर दिया। अभ्यर्थियों ने इसे बहानेबाजी बताकर आंदोलन तो स्थगित कर दिया लेकिन, जल्द ही कोर्ट जाने के संकेत दिए हैं।
यूपीपीएससी ने पीसीएस जे की मुख्य परीक्षा 30, 31 जनवरी और एक फरवरी को निर्धारित की है। अभ्यर्थी तैयारी के लिहाज से मिले कुल 25 दिनों के समय को नाकाफी बता रहे हैं। कहा है कि अब तक की सर्वाधिक रिक्तियों वाली पीसीएस जे परीक्षा से हजारों लोगों को काफी उम्मीदें हैं लेकिन, यूपीपीएससी नियमों से विपरीत जाकर अपने हिसाब से परीक्षा कराने पर आमादा है। विधि शोध छात्र रामकरन निर्मल के नेतृत्व में अभ्यर्थियों का यूपीपीएससी पर जमावड़ा हुआ और सभी इस बात पर अड़ गए कि परीक्षा की तारीख में बदलाव होना चाहिए। कहा कि मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला है। अभ्यर्थियों ने मलिक मजहर सुल्तान व अन्य बनाम यूपीपीएससी केस के फैसले का पालन करने के यूपीपीएससी की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल शपथ पत्र के अनुसार परीक्षा 15 फरवरी के आसपास कराए जाने की मांग की।
यूपीपीएससी के गेट पर घंटों नारेबाजी करने के बाद एक प्रतिनिधि मंडल सचिव जगदीश से मिलने उनके कार्यालय पहुंचा। सचिव ने उन्हें कुंभ मेला के चलते प्रयागराज में प्रशासनिक कारणों का हवाला देकर परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाने से साफ इन्कार कर दिया। अभ्यर्थियों ने सहमति बनाई कि न्यायिक सेवा की परीक्षा के लिए अब हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की जाएगी।
सभी होटल बुक, जाड़े में हम कहां रहेंगे
प्रदर्शन के दौरान एक महिला अभ्यर्थी बिफर पड़ी। कहा कि 30, 31 जनवरी और एक फरवरी को परीक्षा प्रस्तावित है। प्रदेश भर से अभ्यर्थी आएंगे। लेकिन, प्रयागराज में सभी होटल बुक हैं। ऐसे में जाड़े के दिनों में हम कहां रहेंगे।