गणतन्त्र दिवस परेड में एकता व शान्ति स्थापना की अपील करेगी सीएमएस की झाँकी
लखनऊ : सिटी मोन्टेसरी स्कूल महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में आगामी गणतन्त्र दिवस परेड में ‘ऐसा मस्तिष्क बनाओ, जैसा था बापू का’ विषयक झाँकी प्रदर्शित करने जा रहा है। सी.एम.एस. की यह झाँकी जनमानस को ‘सर्वधर्म समभाव’, ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ एवं ‘जय जगत’ का संदेश देगी, साथ ही महात्मा गाँधी की ‘त्याग, सत्य और अहिंसा की नीति’ के जरिये विश्व समाज में एकता व शान्ति स्थापना की अपील करेगी। उक्त जानकारी आज यहाँ सी.एम.एस. कानपुर रोड कैम्पस में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने दी। पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए डा. गाँधी ने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की शिक्षाएं वर्तमान समय में अत्यन्त ही प्रासंगिक हैं और सदैव रहेंगी क्योंकि बापू के बताये रास्ते पर चलकर ही विश्व समाज में अमन-चैन का वातावरण स्थापित किया जा सकता है।
प्रेस कान्फ्रेन्स में बोलते हुए डा. गाँधी ने कहा कि महात्मा गाँधी के 150वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में सिटी मोन्टेसरी स्कूल ने बापू के सत्य, अहिंसा, एकता व शान्ति के विचारों को सारे विश्व में प्रचारित-प्रवाहित करने का संकल्प लिया है एवं इसी कड़ी में सी.एम.एस. की यह झाँकी गणतन्त्र दिवस परेड में प्रदर्शित की जा रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सी.एम.एस. की यह झाँकी भारत के साथ ही विश्व के सभी बच्चों को महात्मा गाँधी के विचारों एवं आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा देगी तथापि विश्व समाज में एकता एवं शान्ति की राह खुलेगी।
झाँकी की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए डा. गाँधी ने बताया कि सी.एम.एस. की झाँकी चार भागों में हैं और सभी भाग एक अनूठे ढंग से मानवता के कल्याण का का संदेश दे रहे हैं। झाँकी के प्रथम भाग में महात्मा गाँधी की प्रतिमा के सामने तीन बंदरों को उनके तीन महत्वपूर्ण विचारों ‘बुरा मत सुनो, ‘बुरा मत कहो’ और ‘बुरा मत देखों’ के साथ प्रदर्शित किया गया है। झाँकी के द्वितीय भाग मंे विभिन्नता में एकता प्रदर्शित करते हुए एक ही छत के नीचे मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरूद्वारा, बौद्ध विहार, बहाई मंदिर आदि विभिन्न पूजा स्थल दिखाये गये हैं। इसी छत के नीचे सी.एम.एस. छात्र ‘ऐसा मस्तिष्क बनाओ, जैसा था बापू का, जैसा था गाँधी का’ गीत पर नृत्य प्रस्तुत कर रहे हैं। झाँकी के तृतीय भाग में ‘वसुधैव कुटुम्बकम् तथा ‘जय जगत्’ का संदेश दिया गया है जबकि चौथे भाग में एक बार पुनः महात्मा गाँधी की प्रतिमा तथा उस प्रतिमा के सामने तीन बंदरों को महात्मा गाँधी के तीन महत्वपूर्ण विचारों का संदेश देते हुए दिखाया गया है।