अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के यूनियन हॉल में लगी पाकिस्तान के जनक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर बीते साल दो मई को हुए बवाल के लिए जिम्मेदार ठहराए गए सिविल लाइंस थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर जावेद खां (अब बन्नादेवी थाने में इंस्पेक्टर) व एलआइयू (स्थानीय अभिसूचना इकाई) से एएमयू छात्र संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि छात्रों पर लाठीचार्ज तो एडीएम सिटी, एसपी सिटी और सीओ तृतीय के सामने हुआ था। उसके लिए ये अफसर ही जिम्मेदार हैैं। जांच में उन्हें क्यों बचाया गया है। जांच सही से होनी चाहिए। ऐसा नहीं होता है तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा।
दो मई को हुआ था बवाल
दो मई-18 को एएमयू में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को छात्र संघ की आजीवन सदस्यता देने के लिए कार्यक्रम रखा गया था। इसके विरोध में उसी रोज दोपहर एएमयू सर्किल पर जिन्ना का पुतला फूंकने पहुंचे हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं को पुलिस थाने ले गई थी। इसके बाद हिंदूवादी पुलिस की मौजूदगी में थाने से बॉबे सैयद पहुंचे। जहां उनका एएमयू छात्रों से टकराव हो गया था। छात्रों को काबू में लाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने डीएम को मजिस्ट्रियल जांच कराने के आदेश दिए थे। डीएम ने तत्कालीन एडीएम वित्त बच्चू सिंह को जांच सौंपी। उनके बाद नए एडीएम वित्त उदय सिंह पूरी की। जांच में पाया गया है कि बवाल इंस्पेक्टर व एलआइयू की लापरवाही से हुआ।
एसपी सिटी, एडीएम सिटी की भूमिका की हो जांच : फहद
पूर्व छात्रसंघ सचिव मोहम्मद फहद ने कहा कि जांच से यह तो साबित हो ही गया कि पुलिस की लापरवाही से बवाल हुआ। हक के लिए 15 दिन लड़ाई लड़ी। हम सही साबित हुए। एडीएम सिटी, एसपी सिटी की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। दोनों अफसरों की मौजूदगी में छात्रों पर लाठीचार्ज हुआ था।
अफसर क्या कर रहे थे : फैजुल
छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन का कहना है कि छात्रों पर हुई लाठीचार्ज के समय एसपी सिटी, एडीएम सिटी, सीओ प्रथम समेत अन्य अफसर मौजूद थे। इन पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई? इंस्पेक्टर की लापरवाही तो तभी सामने आ गई थी, बड़े अफसरों ने अपनी जिम्मेदारी कैसे निभाई, यह भी सामने सामने आना चाहिए। जांच नहीं हुई तो न्यायालय जाएंगे।
शासन के निर्देश का इंतजार
एएमयू प्रकरण में मजिस्ट्रियल जांच के संबंध में कोई रिपोर्ट या जानकारी अभी हमें नहीं मिली है। डीएम ने जांच कराकर शासन को भेजी है। वहां से जो भी दिशा निर्देश मिलेगा, अमल किया जाएगा।