अबू धाबी (संयुक्त रब अमीरात)। आठ साल के अंतराल के बाद एएफसी एशियन कप में हिस्सा ले रही भारतीय फुटबाल टीम ने इस टूर्नामेंट का आगाज शानदार जीत के साथ करते हुए रविवार को खेले गए पहले मैच में थाईलैंड को एकतरफा मुकाबले में 4-1 से हरा दिया। अल-नाहयन स्टेडियम में खेले इस मैच में भारत की जीत में उदांता सिंह ने अहम किरदार निभाया। वह गोल तो नहीं कर पाए, लेकिन अपने खेल से उन्होंने गोल करने के मौके बनाए और तीन में से दो गोल में अपना योगदान भी दिया। इस मैच में भारतीय कप्तान सुनील छेत्री ने अर्जेंटीना के स्टार खिलाड़ी लियोनेल मेसी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गोल करने के मामले में पीछे छोड़ दिया। छेत्री ने इस मैच में दो गोल किए। छेत्री के अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 67 गोल हो गए हैं जबकि मेसी के इंटरनेशल मैचों में 65 गोल हैं। पहले हाफ में दोनों टीमों ने बराबरी का खेल खेला और एक-एक गोल किया, लेकिन दूसरे मैच में भारत ने थाईलैंड को कहीं टिकने नहीं दिया।
मैच का पहला गोल छेत्री ने पेनाल्टी पर किया। 26वें मिनट में आशिके कुरियन ने थ्रो बॉल दी जो डी में थाईलैंड के थीराथोन बनमाटहान के हाथों से टकरा गई और भारत को यहां पेनाल्टी मिली। इस मौके को भारतीय कप्तान ने जाया नहीं किया और पेनाल्टी को गोल में तब्दील कर अपनी टीम को 1-0 से आगे कर दिया। इस गोल के साथ ही छेत्री ने मेसी को पीछे छोड़ दिया।
भारत की बढ़त हालांकि ज्यादा देर कायम नहीं रह सकी। जिन बनमाटहन ने पेनाल्टी दी थी उन्हीं के द्वारा 33वें मिनट में ली गई फ्री किक पर तीरासिल डांग्डा ने गेंद को नेट में डाल थाईलैंड को बराबरी पर ला दिया। पहले हाफ का समापन 1-1 के स्कोर के साथ हुआ। मैच में रोमांच दूसरे हाफ से शुरू हुआ जो पूरी तरह से भारत के नाम रहा। भारतीय दबदबे की शुरुआत इस हाफ में भी कप्तान ने की। छेत्री ने 46वें मिनट में आशिके के समर्थन से भारत के लिए दूसरा गोल किया।
उदांता गेंद लेकर आगे बढ़े और आशिके को बॉक्स के अंदर स्कावयर पास दिया। आशिके ने तुरंत गेंद कप्तान को भेजी और छेत्री ने गोलपोस्ट के कॉर्नर में गेंद डाल भारत को 2-1 से आगे कर दिया। एक गोल से आगे होने के बाद भारत ने अपने हमले तेज कर दिए थे। आशिके, होली चरण नारजारे, अनिरुद्ध थापा, प्रीतम कोटाल ने थाईलैंड के डिफेंडरों को लगातार परेशान किया। इस बीच थाईलैंड के कोच ने 58वें मिनट में एक बदलाव किया और सानरावट डेचमित्र के स्थान पर कोराकोट विरियाडोमसिरि को मैदान पर भेजा गया। इसी के साथ कोच ने रणनीति में भी बदलाव किया और बानमाटहन को आगे भेजकर विरियाडोमसिरि को लैफ्ट फ्लैंक पर खेलने को कहा।
थाईलैंड की बदली हुई रणनीति भी रंग नहीं ला पा रही थी और भारत लगातार अपने हमले तेज कर रहा था। 63वें मिनट में उदांता ने पहले की तरह ही एक रन बनाया लेकिन इस बार वह अकेले खड़े छेत्री तक गेंद नहीं पहुंचा सके। चार मिनट बाद उदांता की एक गलती ने थाईलैंड के सुपचाई जेइदाद को मौका दिया, लेकिन इस हल्के मौके पर भी थाईलैंड गोल नहीं कर सकी। थाईलैंड मौके बना नहीं पा रही थी तो भारत लगातार आक्रमण कर रही थी। उदांता ने 68वें मिनट में एक और मौका बनाया और इस पर थापा अपना खाता खोलने में सफल रहे। यह थापा का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहला गोल है। उदांता से मिली गेंद को थापा ने नेट के कोने में डाल अपना पहला गोल हासिल किया।
अगले मिनट अभी तक एसिस्ट करते आ रहे उदांता के पास अपना इस मैच का पहला गोल करने का मौका था लेकिन वह गेंद पर नियंत्रण नहीं रख सके। दो गोल की बढ़त लेकर भारत जीत के प्रति आश्वस्त थी और इसलिए कोच स्टीफन कांस्टेनटाइन ने डिफेंस को मजबूत करने की रणनीति अपनाई। कोच ने दो बदलाव किए। 78वें मिनट में आशिके के स्थान पर जेजे लालपेखुलआ मैदान पर आए तो इस मिनट में थापा के स्थान पर रोवलिन बोर्जेस मैदान पर उतरे। आईएसएल के पांचवें सीजन में अभी तक आउट ऑफ फॉर्म चल रहे जेजे ने भी बहती गंगा में हाथ धोते हुए 80वें मिनट में नारजरे की मदद से गोल कर भारत के खाते में चौथा गोल डाला। यह गोल जेजे के लिए फॉर्म में वापसी का संकेत हो सकता है। भारत का ध्यान अब अपनी बढ़त को बनाए रखने पर था। टीम इस मकसद में सफल रही और इसी के साथ एक बड़ी जीत उसके हिस्से में आई।