लखनऊ : अवैध खनन मामले में छापेमारी के बाद सियासत गर्म हो गयी है। राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से 6 सवाल पूछे हैं। सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि 2012 से 2017 के दौरान हुए मामलों को हम लोग देख रहे हैं। कल सीबीआई ने 12 जगह पर रेड की। इनमें कुछ अधिकारी और सपा के नेता भी शामिल हैं। खास तौर पर हमीरपुर में रेड हुई हैं। श्री सिंह ने कहा कि 2016 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खनन घोटाले का संज्ञान लिया था। इसके बाद सीबीआई ने 2012-17 के बीच हुई खनन की लूट की जांच की। इसके बाद सीबीआई ने दो चरण में एफआईआर दर्ज की। तीसरे चरण में अब एफआईआर दर्ज की जा रही है। सीबीआई हाई कोर्ट के अधीन काम कर रही है। वह किसी के गठबंधन के समय या फिर चुनाव को देखते हुए ऐक्शन नहीं ले रही है। ऐसे राजनीतिक दल जिनके नेता आरोपी हैं, उनको मामले से ध्यान नहीं भटकाकर जवाब देना चाहिए।
- 2012 में खनन के कॉन्ट्रैक्ट ई-टेंडर के माध्यम से देने का निर्णय किया था। ई-टेंडर तो लाए, लेकिन आपकी अधिकारी बी. चंद्रकला उसका उल्लंघन करती हैं। क्या ऐसा आपकी जानकारी में हुआ?
- जिस समय खनन की लूट मची, उस समय आप खनन मंत्री थे या नहीं?
- 2012 और 2013 में बी. चंद्रलेखा को हमीरपुर का डीएम क्यों बनाया गया?
- आपके और आपकी पार्टी दिनेश कुमार मिश्रा, अंबिका तिवारी, संजय दीक्षित और आदिल खान से क्या संबंध हैं? जो इस मामले में आरोपी हैं?
- आपके बाद गायत्री प्रजापति को खनन मंत्री बनाया गया। क्या उन्हें बाद में इसलिए अंडरग्राउंड किया गया क्योंकि तार इस पूरे मामले से जुड़े हुए थे?
- अपने सीएम हाउस जब खाली किया था तो दीवारें भी तोड़ी थीं। क्या दीवार के पीछे का राज हमीरपुर की ‘लूट’ थी। इसका अखिलेश खुलास करें।