लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि मैं अवैध खनन घोटाले में सीबीआई की पूछताछ के लिए तैयार हूं। मुझे भी उनसे मिलने का मौका मिलेगा। मैं तो पहले से ही सीबीआई क्लब में हूं। दरअसल, सीबीआई ने इस सिलसिले में आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला के आवास समेत अन्य के लखनऊ, कानपुर, नोएडा, हमीरपुर, जालौन और दिल्ली समेत 14 ठिकानों पर छापेमारी की। सपा सरकार के दौरान वर्ष 2012-13 में खनन विभाग पूर्व सीएम अखिलेश यादव के पास ही था। इसलिए अवैध खनन घोटाले को लेकर सीबीआई पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से पूछताछ कर सकती है। सीबीआई ने बुंदेलखंड में अवैध खनन के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर बुधवार को ही चंदकला समेत 11 पर एफआईआर दर्ज की। 2011 के बाद से राज्य के सभी खनन मंत्री जांच के दायरे में हैं, ऐसे में सीबीआई अखिलेश यादव, गायत्री प्रसाद प्रजापति और उनके करीबी सपा एमएलसी रमेश मिश्रा से पूछताछ कर सकती है।
नियमों को तोड़-मरोड़कर दिलाया खनन का लाइसेंस
सीबीआई के मुताबिक रमेश ने नियमों को तोड़-मरोड़कर कई लोगों को खनन का लाइसेंस दिलाया था और परोक्ष रूप से खुद भी खनन कारोबार में शामिल रहा। इन सभी पर आरोप है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की रोक और ई-टेंडर शुरू होने के बाद भी सीधे खनन ठेके दे दिए गए। हालांकि, किसी भी खनन मंत्री पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई। खनन माफिया से त्रस्त लोगों की शिकायत के बाद अदालत के आदेश पर सीबीआई ने मामले में 2016 से सात प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थीं। इनमें दो के खिलाफ एफआईआर पहले ही दर्ज की जा चुकी है। यह ताजा मामला हमीरपुर में हुए अवैध खनन का है। एफआईआर में चंद्रकला और रमेश मिश्रा के अलावा दिल्ली के आदिल खान, तत्कालीन खनन अधिकारी मोईउद्दीन, खनन क्लर्क राम आश्रय प्रजापति व राम अवतार सिंह, अंबिका तिवारी, संजय दीक्षित व अन्य के नाम हैं।