नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी में मौजूदा समय घमासान मचा हुआ है. कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) की सरकार बनने के कुछ दिनों बाद अब अपनों के रूठने का सिलसिला शुरू हो गया है. कांग्रेस के नॉर्थ कर्नाटक के कार्यकारी अध्यक्ष शिवानगौड़ा रुद्रगौड़ा पाटिल (एसआर पाटिल) ने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं केरल में राज्यसभा के उपसभापति पीजे कुरियन को लेकर विवाद शुरू हो गया है. केरल कांग्रेस की युवा ब्रिगेड ने कहा है कि पीजे कुरियन को दोबारा सदन में नहीं भेजा जाना चाहिए.
2019 लोकसभा चुनाव को लेकर मौजूदा समय में बीजेपी रणनीति तैयार कर रही है. वहीं कांग्रेस में कर्नाटक सरकार बनने के बाद अपनों के रूठने का सिलसिला शुरू हो गया है. कांग्रेस के नार्थ कर्नाटक के कार्यकारी अध्यक्ष एसआर पाटिल ने अपना इस्तीफा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को भेज दिया है. हालांकि आलाकमान ने इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया है. वहीं पाटिल के इस्तीफे से विपक्ष में बैठी बीजेपी को भी कांग्रेस पर निशाना साधने का मौका मिल गया है. कर्नाटक बीजेपी ने इस पर ट्वीट कर कहा कि ‘जनादेश का मजाक उड़ाकर बनाई गई सरकार का पतन शुरू हो गया है.
पीजे कुरियन समझदारी दिखाते हुए छोड़ें राजनीति- कांग्रेस युवा ब्रिगेड
उधर, केरल में चेंगन्नूर उपचुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस की युवा ब्रिगेड के निशाने पर पार्टी के वरिष्ठ नेता आ गए हैं. युवा ब्रिगेड ने साफ तौर पर कहा है कि राज्यसभा के उपसभापति पीजे कुरियन को सदन में दोबारा नहीं भेजा जाना चाहिए. बता दें कि केरल में तीन राज्यसभा सीटें इस महीने खाली हो रही हैं.
ऐसे में सदन में विधायकों की संख्या बल के मुताबिक सीपीआई(एम) के नेतृत्व वाली लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट को दो सीटें और कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट को एक सीट मिल सकती हैं. ऐसे समय में कांग्रेस के एक विधायक ने सोशल मीडिया फेसबुक पर लिखा कि उम्मीद है कि राज्यसभा में तीन सत्र पूरा करने वाले पीजे कुरियन इस बार समझदारी दिखाते हुए अपनी राजनीति छोड़ देंगे. इसके अलावा चार अन्य विधायकों ने भी कुरियन को दोबारा नामित करने के खिलाफ रविवार को मोर्चा खोल दिया. उन्होंने कहा कि कुरियन अस्सी के दशक से संसद में हैं और अब समय आ गया है कि वे युवा लोगों के लिए जगह खाली करें.