राजगढ़ (मध्य प्रदेश) : राजगढ़ के विशेष सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार गुप्ता ने शनिवार को अपने पुत्र की ह्त्या करने के मामले में आरोपी पिता को आजीवन कारावास की सजा के साथ दस हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है। विशेष लोक अभियोजक एवं जिला अभियोजन अधिकारी आलोक श्रीवास्तव ने शनिवार को बताया कि मंजूबाई आरोपी कन्हैयालाल की पहली पत्नी थी। कन्हैयालाल और मंजूबाई का तलाक हो गया था। मंजूबाई ने मूलचन्द्र से दूसरी शादी कर ली थी, जिससे मंजूबाई को एक पुत्र और एक पुत्री हुए थे। 8 मार्च 18 को मंजूबाई अपने 3 वर्षीय पुत्र के साथ राजगढ़ जा रही थी। आरोपी कन्हैयालाल ने मंजूबाई को फोन करके बुलाया कि वह मंजूबाई को अपनी पुत्री से मिलवा देगा। आरोपी कन्हैयालाल ने उसे रास्ते मे ही घाटोली गाँव में बस से उतरने पर मजबूर किया। कन्हैयालाल ने कहा कि उसकी पुत्री बालाजी मंदिर गई, किन्तु वहाँ उसकी पुत्री अंजली उसे नहीं मिली, जिस पर से मंजू और आरोपी कन्हैयालाल का विवाद हुआ। आरोपी ने मंजूबाई को अपने साथ ले जाने के लिए उस पर दबाव बनाने के उद्देश्य से उसके पुत्र अनमोल को सिर में पत्थर मारा, जिससे उसकी मौत हो गई थी।