नई दिल्ली : पिछले दिनों अभिनेता नसीरुद्दीन शाह अपने बयान को लेकर विवादों रहे। उन्होंने बुलंदशहर में हुई घटना को लेकर अपनी बात रखी थी। अब एक और वीडियो में नसीरुद्दीन शाह ने देश के माहौल पर सवाल उठाए हैं। इस वीडियो को मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंडिया ने टि्वटर पर शेयर किया है। नसीरुद्दीन शाह वीडियो में कह रहे हैं- “हमारे आजाद मुल्क का संविधान 26 नवंबर 1949 को ग्रहण किया गया। शुरू के ही सत्रों में उसके उसूल लागू कर दिए गए, जिनका मकसद ये था कि हर नागरिक को सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक न्याय मिल सके। सोचने की, बोलने की और किसी भी धर्म को मानने की या इबादत करने की आजादी हो।
नसीरुद्दीन शाह ने कहा- हमारे मुल्क में जो लोग गरीबों के घरों को, जमीनों को और रोजगार को तबाह होने से बचाने की कोशिश करते हैं, करप्शन के खिलाफ आवाज उठाते हैं, ये लोग हमारे उसी संविधान की रखवाली कर रहे होते हैं लेकिन अब हक के लिए आवाज उठाने वाले जेलों में बंद हैं। कलाकार, फनकार, शायर सबके काम पर रोक लगाई जा रही है। पत्रकारों को भी खामोश किया जा रहा है। नसीर ने आगे कहा- मजहब के नाम पर नफरत की दीवारें खड़ी की जा रही हैं, मासूमों का कत्ल हो रहा है, पूरे मुल्क में नफरत और जुल्म का बेखौफ नाच जारी है। इन सबके खिलाफ आवाज उठाने वालों के दफ्तरों पर रेड डालकर, लाइसेंस कैंसिल करके, उनके बैंक अकाउंट फ्रीज करके, उन्हें खामोश किया जा रहा है, ताकि वो सच बोलने से बाज आ जाएं। क्या हमने ऐसे ही मुल्क का ख्वाब देखा था, जहां मतभेद की कोई गुंजाइश न हो।