राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव आजकल पटना स्थित राजद कार्यालय में जमीन पर दरी बिछाकर बैठते हैं। वहां वे जनता दरबार में आम लोगों की समस्याएं सुनने के बाद संबंधित अधिकारियों से बात कर निदान की कोशिश करते हैं। तेजप्रताप ने jagran.com से अपनी पर्सनल और पॉलिटिकल लाइफ सहित कई मुद्दों पर बातें कीं। उन्होंने कहा कि ऐश्वर्या से तलाक का फैसला फाइनल है। इसके बाद आगे फिलहाल शादी का इरादा नहीं है। अभी ध्यान राजनीति व जनता पर देना है।
तेजप्रताप ने और क्या कहा, जानिए…
प्रश्न: पत्नी एेश्वर्या से तलाक लेंगे या फैसला बदलेंगे?
उत्तर: मेरा फैसला अटल है। ये फाइनल है, चेंज नहीं होगा। मैं कभी किसी के दबाव में आकर अपनी लाइफ नहीं जी सकता।
प्रश्न: तलाक के बाद आगे? क्या फिर शादी करेंगे?
उत्तर: ये अभी सोचा नहीं है। अभी पूरा ध्यान बिहार की राजनीति और जनता की समस्याओं पर है।
प्रश्न: शादी के संदर्भ में एक सवाल और… तेजप्रताप पीएम नरेंद्र मोदी बनना चाहते हैं या रामविलास पासवान?
उत्तर: ना मैं नरेंद्र मोदी की तरह बनना चाहता हूं ना ही किसी और की तरह। मेरे पिता लालू यादव जी मेरे आदर्श हैं और मैं उन्हीं की तरह बनना चाहता हूं। उनकी ही तरह गरीब-गुरबों की मदद करना चाहता हूं। बिहार की जनता की सेवा करना चाहता हूं। बिहार से इस निकम्मी सरकार को उखाड़ फेंकना है और यहां महागठबंधन की सरकार बनानी है।
प्रश्न: ज्यादा करीब कौन हैं- मां राबड़ी देवी या पिता लालू यादव?
उत्तर: मां मुझे बहुत प्यार करती हैं। बचपन से मेरी हर जिद को पूरी करती हैं। मां शुरू से मेरे करीब हैं और उनका आशीर्वाद मुझे मिलता रहता है। आज भी मां मेरे साथ हैं। पापा भी प्यार करते हैं और मैं अपने मां-पापा से बहुत प्यार करता हूं। पापा से मिलने, उनके स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए रिम्स (अस्पताल) जाता रहता हूं।
प्रश्न: तलाक के फैसले में मां-पिताजी साथ हैं?
उत्तर: मां ने हमेशा मेरा साथ दिया है और आज भी मेरे हर फैसले में मेरे साथ हैं।
प्रश्न: राजनीति और अध्यात्म दोनों में क्या अधिक पसंद है?
उत्तर: राजनीति और अध्यात्म दोनों मेरे जीवन का हिस्सा हैं। राजनीति पसंद है, बचपन से घर का माहौल भी देखा है। लेकिन बचपन से अध्यात्म की तरफ ज्यादा रूचि रही है। घर में भी पूजा-पाठ करना मेरी दिनचर्या है और मैं अक्सर वृंदावन-मथुरा जाता रहता हूं। अन्य धार्मिक स्थल भी पसंद हैं, मुझे इन स्थानों पर जाने से ऊर्जा मिलती है। यहां मेरे हर प्रश्न का जवाब मिल जाता है।
प्रश्न: मथुरा-वृंदावन कब से जा रहे हैं?
उत्तर: करीब 20 साल से। वो जगह मुझे बहुत पसंद है। जब मेरे पिता रेलमंत्री थे, तभी से जा रहा हूं। मैं उनके साथ जाया करता था। दोनों जगहों से मुझे ऊर्जा मिलती है। जो काम मुझे पसंद आता है मैं वो करता हूं।