मध्यप्रदेश में वंदे मातरम् को लेकर शुरू हुई राजनीति पर कांग्रेस ने सवालों में घिरने के बाद पूर्ण विराम लगा दिया है. राज्य के सूचना जनसंपर्क विभाग ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. जनसंपर्क एमपी ने ट्वीट करके बताया अब नए तरीके से राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत गायन होगा.
ट्वीट के मुताबिक, भोपाल में अब आकर्षक स्वरूप में पुलिस बैंड और आम लोगों की सहभागिता के साथ वंदे मातरम् का गायन होगा. हर महीने के प्रथम कार्यदिवस पर सुबह 10:45 बजे पुलिस बैंड राष्ट्र भावना जागृत करने वाले धुन बजाते हुए शौर्य स्मारक से वल्लभ भवन तक मार्च करेंगे. वल्लभ भवन परिसर में पहुंचने पर राष्ट्र गान ‘जन गण मन’ और राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ गाया जायेगा. इस कार्यक्रम को आकर्षक बनाकर आम लोगों को इसमें भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा.
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार की तरफ से हर महीने की एक तारीख को राज्य मंत्रालय के समक्ष वन्देमातरम गान की अनिवार्यता को फिलहाल रोक लगा दी थी, जिसके बाद मामला गरमा गया. इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा था कि अगर कांग्रेस को राष्ट्र गीत के शब्द नहीं आते हैं या फिर राष्ट्र गीत के गायन में शर्म आती है, तो मुझे बता दें! हर महीने की पहली तारीख को वल्लभ भवन के प्रांगण में जनता के साथ वंदे मातरम् मैं गाऊंगा.
इस विवाद पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि उनकी सरकार वंदे मातरम् के गायन की व्यवस्था को नए स्वरूप में सामने ला रही है. मामले पर राजनीति को बढ़ता देख उन्होंने कहा था कि वंदे मातरम् के गायन का नया स्वरूप जल्द ही सामने आ जाएगा. उन्होंने ट्वीट कर पूर्व मुख्यमंत्री पर पलटवार करते हुए कहा था कि यह निर्णय ना किसी एजेंडे के तहत लिया गया है और ना ही हमारा वंदेमातरम गायन को लेकर कोई विरोध है.
वंदेमातरम हमारे दिल की गहराइयों में बसा है. हम भी समय- समय पर इसका गायन करते है. हम इसे वापस प्रारंभ करेंगे लेकिन एक अलग रूप में. लेकिन हमारा यह भी मानना है कि सिर्फ़ एक दिन वंदेमातरम गायन करने से किसी की देशभक्ति या राष्ट्रीयता परिलिक्षित नहीं होती है. देशभक्ति व राष्ट्रीयता को सिर्फ़ एक दिन वंदेमातरम गायन से जोड़ना ग़लत है. जो लोग वंदेमातरम गायन नहीं करते हैं, क्या वे देशभक्त नहीं हैं?’