नई दिल्ली : वर्ष 1984 के सिख कत्लेआम के पीड़ितों ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल, केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल तथा एसजीपीसी के अध्यक्ष जत्थेदार गोबिंद सिंह लौंगोवाल के नेतृत्व में यह दल प्रधानमंत्री से मिलने पहुंचा। इस दौरान अपनों को हमेशा के लिए गंवा चुके लोगों ने आपबीती प्रधानमंत्री से साझा की। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की कि वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित सिखों की हत्या करने वाले सभी दोषियों को सजा दिलवाने के लिए आवयश्यक कदम उठाएं। इस दल में शामिल लोगों ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के दिशा-निर्देश पर कांग्रेस से जुड़े लोगों ने उनके परिजनों का कत्ल कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी पिछले 34 साल से सिख कत्लेआम में शामिल रहे कांग्रेसी नेताओं को पनाह देती आ रही है तथा रकाबगंज गुरुद्वारा साहिब के सामने सिखों का सामूहिक कत्लेआम करवाने वाले कांग्रेसी नेता कमलनाथ को हाल ही में मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया है।
अपने परिजनों को सिख कत्लेआम के दौरान गवां देने वाली बीबी जगदीश कौर तथा बीबी निरप्रीत कौर ने प्रधानमंत्री को बताया कि उन्हें अब भी अपनी जान का खतरा है, क्योंकि वे कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ गवाही दे चुकी हैं। उन्होने प्रधानमंत्री को बताया कि इससे पहले कांग्रेसी सरकारों ने सबूत मिटाने के लिए दिल्ली पुलिस पर दबाव डाला था तथा मर्जी से केस भी बंद करवा दिए थे। इस मीटिंग के बारे में जानकारी देते हुए अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने बताया कि प्रधानमंत्री ने इन महिलाओं की बहादुरी की सराहना की, जिन्होंने इंसाफ लेने के लिए अनेक बाधाएं झेलते हुए सभी ताकतवर कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ गवाही दी। सुखबीर ने कहा कि अकाली दल 1984 कत्लेआम के पीड़ितों की इंसाफ की लड़ाई में मदद करना जारी रखेगा। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री से मिलने वाले इस शिष्टमंडल में सांसद बलविंदर सिंह भूदंड़, प्रेम सिंह चंदूमाजरा व नरेश गुजराल तथा शिअद की दिल्ली इकाई के मनजीत सिंह जीके तथा मनजिंदर सिरसा भी शामिल थे।