नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार शाम एक बार फिर राफेल मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर युद्धक विमान सौदे में संलिप्तता होने का संदेह जारी करते हुए उनसे अपना रुख स्पष्ट करने और सरकार से इस पर संयुक्त जांच समिति गठित करने की मांग की। इस दौरान उन्होंने गोवा के मुख्यमंत्री के राफेल का राजदार होने वाली ऑडियो टेप का जिक्र किया। एक प्रेस कान्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा कि वह इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से सीधे चर्चा के लिए तैयार हैं। वह उन्हें 20 मिनट दें और वह इस पर हर सवाल का जवाब देने को तैयार हैं। राहुल ने प्रधानमंत्री से भी राफेल पर हर सवाल का जवाब देने के लिए आगे आने को कहा। राहुल गांधी ने गोवा के मंत्री की ऑडियो टेप का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें वह साफ कह रहें हैं कि गोवा के मुख्यमंत्री के पास राफेल की फाइल है। हालांकि उन्होंने प्रेसवार्ता में इसे सत्यापित करने की बात कही और यह कहा कि ऐसे अन्य टेप भी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि सवाल उठता है कि पर्रिकर के पास कौन सी जानकारी और फाइलें हैं, जिससे वह प्रधानमंत्री को ब्लैकमेल कर रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने संसद में चर्चा के दौरान वित्तमंत्री के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि पहले सरकार दाम नहीं बता रही थी अब वह (अरुण जेटली) स्वयं इसकी जानकारी संसद में दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री ने लोकसभा में स्वीकारा है कि राफेल विमान सौदा 58 हजार करोड़ का था। इसको 36 से भाग करने पर 1600 करोड़ का आंकड़ा आता है, जो एक विमान की कीमत है। उन्होंने यह भी बताया कि संप्रग सरकार में खरीदे जाने वाला विमान 526 करोड़ का था। राहुल ने आरोप लगाया कि राफेल सौदे से जुड़ी प्रक्रिया में बदलाव किया गया और 30 हजार करोड़ रुपये अनिल अंबानी की कंपनी को दिए गए हैं। राहुल ने जेटली के इस आरोप का खंडन किया कि वह विमान और हथियारों से लैस विमान के बीच अंतर नहीं कर सकते है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में हथियारों से जुड़ी सारी जानकारी समझौते में मौजूद थी। उन्होंने कहा कि जेटली एक के बाद एक झूठ बोलते रहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के मंगलवार को दिए साक्षात्कार का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि उन पर कोई सवाल नहीं है। राहुल ने कहा कि सारे सवाल नरेन्द्र मोदी के बारे में ही हैं और उनके ऊपर ही सारे सवाल खड़े हो रहे हैं।