नई दिल्ली : राफेल मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दायर की गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिंह और अरुण शौरी ने राफेल मामले में रिव्यू पिटीशन दायर की है। याचिका में रिव्यू पिटीशन पर खुली अदालत में सुनवाई की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को राफेल को लेकर गलत जानकारी दी। पिछले 14 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे की प्रक्रिया, राफेल की प्राइसिंग और ऑफसेट पार्टनर चुनने को भी हरी झंडी दे दी थी। राफेल डील पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि रक्षा के मामलों की न्यायिक समीक्षा के लिए कोई यूनिफॉर्म मापदंड नहीं है। कोर्ट ने कहा था कि राफेल डील की प्रक्रिया को लेकर कभी भी संदेह नहीं किया गया। फैसला सुनाते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि कुछ लोगों की धारणा के आधार पर कोर्ट कोई आदेश नहीं दे सकता।
इसलिए सभी याचिकाएं खारिज की जाती हैं। कोर्ट ने कहा था कि कीमत की समीक्षा करना कोर्ट का काम नहीं जबकि एयरक्राफ्ट की जरूरत को लेकर कोई संदेह नहीं। कोर्ट ने फैसले में आफसेट पार्टनर चुनने पर कहा कि उसे किसी का फेवर करने के सबूत नहीं मिले। इस मामले पर जब राजनीतिक बवाल मचा तब फैसले के अगले ही दिन 15 दिसंबर को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में राफेल सौदे पर एक संशोधित हलफनामा दायर किया। केंद्र सरकार ने कहा कि पहले सौंपे गए हलफनामे में टाइपिंग की गलती हुई थी। केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में साफ कहा कि सीएजी की रिपोर्ट अभी तक पीएसी ने नहीं देखी है।