भोपाल। मध्य प्रदेश में वंदे मातरम गाने पर राजनीति गर्म है। इस मुद्दे पर शिवराज सिंह चौहान और मुख्यमंत्री कमलनाथ आमने-सामने हैं। शिवराज ने कहा कि अगर काग्रेस को राष्ट्र गीत के शब्द नहीं आते हैं या फिर राष्ट्र गीत के गायन में शर्म आती है, तो मुझे बता दें! हर महीने जनता के साथ वंदे मातरम मैं गाऊंगा।
दरअसल, मध्य प्रदेश सचिवालय में प्रत्येक महीने की पहली तारीख को वंदे मातरम का गान होता है। लेकिन इस बार ये 13 साल पुरानी परंपरा टूट गई। इस बार कमलनाथ सरकार में साल के पहले दिन ही इसका पालन नहीं हो सका। ऐसे में शिवराज और कमलनाथ आमने-सामने आ गए हैं।
शिवराज ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस यह भूल गई है कि सरकारें आती हैं जाती हैं, लेकिन देश और देशभक्ति से ऊपर कुछ नहीं है। मैं मांग करता हूं कि वंदे मातरम का गाना हमेशा की तरह हर कैबिनेट की मीटिंग से पहले और हर महीने की पहली तारीख को हमेशा की तरफ वल्लभ भवन के प्रांगण में हो।
वंदे मातरम के कारण लोगों के हृदय में प्रज्ज्वलित देशभक्ति की भावनाओं में नयी ऊर्जा का संचार होता था। अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस की सरकार ने यह परंपरा आज तोड़ दी। आज पहली तारीख़ को वंदे मातरम नहीं गाया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके, उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि अगर काग्रेस को राष्ट्र गीत के शब्द नहीं आते हैं या फिर राष्ट्र गीत के गायन में शर्म आती है, तो मुझे बता दें! हर महीने की पहली तारीख को वल्लभ भवन के प्रांगण में जनता के साथ वंद मातरम मैं गाऊंगा।
हालांकि शिवराज सिंह चौहान के हमले पर पलटवार करते हुए कमलनाथ ने कहा कि जो वंदे मातरम् नहीं गाते हैं क्या वो देशभक्त नहीं हैं?