नए वर्ष में पंजाब में शिक्षा व्यवस्था में कई बदलाव होने जा रहे हैैं। इससे आपके बच्चों की शिक्षा पर काफी असर पड़ेगा। राज्य में सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के बस्ते का बोझ कम करने की तैयारी है तो स्मार्ट प्राइमरी स्कूलों में अंग्रेजी पर विशेष जोर दिया जाएगा। यहां पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम में होगी। सरकार का मानना है कि अंग्रेजी पर जोर देकर सरकारी स्कूल भी प्राइवेट स्कूलों का मुकाबला कर सकते हैैं। सरकारी स्कूलों में अंग्र्रेजी पर विशेष फोकस न होने के कारण अभिभावक यहां बच्चों के दाखिले में रुचि नहीं दिखाते हैैं।
पाठ्यक्रम होगा नया, सभी किताबें भी होंगी ऑनलाइन, अंग्रेजी पर जोर
कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार की योजना के मुताबिक अगले सत्र में नए पाठ्यक्रम से लैस नई किताबें स्कूलों में आएंगी। इनमें कुछ नए चैप्टर जोड़े जाएंगे तो कुछ को हटा दिया जाएगा। प्राइमरी विंग पर शिक्षा विभाग विशेष ध्यान देने जा रहा है और किताबों का बोझ कम करने की तैयारी है। वर्तमान में प्राइमरी विंग में छह किताबें हैं जिसे पांच करने की योजना है। इसके अलावा 2019 में सभी किताबें ऑनलाइन उपलब्ध होंगी। अब किताबों की कमी होने पर विद्यार्थियों की पढ़ाई पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
प्राइवेट स्कूलों की तरह सरकारी स्कूलों में भी स्मार्ट क्लास में पढ़ाई करेंगे विद्यार्थी
सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूल बनाने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। नए शिक्षा सत्र में विद्यार्थी प्राइवेट स्कूलों की तरह स्मार्ट क्लासों में बैठकर पढ़ाई करेंगे। विभाग ने कुछ स्कूलों को फंड देकर स्मार्ट बनाया है, जबकि कुछ स्कूलों को शिक्षक अपने स्तर पर स्मार्ट बना रहे हैं।
मिड डे मील में पैक्ड फूड मिलेगा
सरकारी स्कूलों में मिड डे मील की क्वालिटी को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। नए शिक्षा सत्र में विभाग विद्यार्थियों को पैक्ड फूड देने की तैयारी में है। इसकी जिम्मेदारी मार्कफेड को सौंपी जाएगी। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर जल्दी ही हर जिले में 20-20 स्कूलों में योजना को शुरू किया जा रहा है।
लाइब्रेरी भी होगी अपग्रेड
सरकारी स्कूलों के पुस्तकालयों (लाइब्रेरी) व प्रयोगशालाओं की स्थिति भी सुधरेगी। प्रयोगशालाओं और पुस्तकालयों की दशा किसी से छिपी नहीं है लेकिन अब हाई स्कूल व सीनियर सेकेंडरी स्कूलों की साइंस, मैथ्स प्रयोगशालाओं को अपग्रेड किया जा रहा है। इससे स्कूलों में शिक्षा का स्तर उठाने में मदद मिलेगी।
शिक्षकों की लेटलतीफी रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने नए साल में सभी स्कूलों में बायोमीट्रिक सिस्टम को लागू करने का फैसला लिया है। अभी तक 40 फीसद स्कूलों में ही बायोमीट्रिक सिस्टम से हाजिरी लग रही है।
कैश अवार्ड भी बढ़ सकता है
शिक्षा विभाग खेलों व अकादमिक स्तर पर मिलने वाले कैश अवार्ड को भी बढ़ाने पर विचार कर रहा है ताकि स्कूलों के खिलाडिय़ों व होनहार विद्यार्थियों में ज्यादा उत्साह पैदा हो। हालांकि अभी कैश अवार्ड बढ़ाने को लेकर विभाग किसी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंच पाया है।
कदम ताल करना है तो गति बढ़ानी होगी : सोनी
शिक्षामंत्री ओपी सोनी का कहना है कि अगर हमें समय के साथ कदम ताल करना है तो गति तो बढ़ानी ही होगी। नए वर्ष में शिक्षा विभाग में बहुत कुछ बदलेगा। इसके बेहतर परिणाम भी सामने आएंगे।