प्रदेश में कमलनाथ सरकार ने नवाचार की शुरुआत कर दी है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि जनसुनवाई में अब अधिकारियों के साथ विधायक भी बैठेंगे और जनता की समस्याओं को सुलझाएंगे। मुख्यमंत्री कमलनाथ सोमवार को छिंदवाड़ा स्थित फुटवेयर एवं डिजाइन सेंटर में संभाग और जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर थे।
इस दौरान अधिकारियों से सीएम ने दोटूक कहा कि पुराने ढर्रे पर काम नहीं चलेगा। जिले का विकास ऐसा चाहिए जिससे कि दूसरे जिलों के लिए ये रोल मॉडल बने। नाथ ने कहा कि कांग्रेस के वचन पत्र में हर ग्राम पंचायत में गौशाला खोलने की बात कही गई थी, लेकिन ये सिर्फ वचन पत्र का मामला नहीं है। बल्कि मैं चाहता हूं, गौ माता को सड़क पर न भटकना पड़े।
कमलनाथ ने कहा कि सरकारी विभागों और अधिकारियों के कार्य का जनता द्वारा किए गए मूल्यांकन को सही माना जाएगा। यदि जनता कहती है कि अच्छा कार्य हो रहा है तो राज्य सरकार भी अच्छा मानेगी और जनता ने कहा कार्य नहीं हो रहा है या अपेक्षानुसार नहीं है तो राज्य सरकार भी जनता की राय को ही मानेगी।
कलेक्टर नहीं करते कलेक्शन का काम: कमलनाथ
मुख्यमंत्री बनकर बार-बार व्यवस्था परिवर्तन की बात कर रहे कमलनाथ ने कलेक्टर का नाम बदलने की बात कही है। मप्र सरकार अब कलेक्टर को डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेटर नाम दे सकती है। दरअसल, मुख्यमंत्री कमलनाथ कई बार कलेक्टर का नाम बदलने की बात कर चुके हैं। उन्होंने एक दिन पहले भी कहा था कि कलेक्टर कलेक्शन का कोई काम नहीं करते हैं, इसलिए इनका नाम बदला जाना चाहिए। सोमवार को उन्होंने मीडिया से कहा कि मैंने कई लोगों से सुझाव मांगे थे। कलेक्टर को डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेटर का नाम भी दे सकते हैं।