लखनऊ : राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव लौटन राम निषाद ने गाजीपुर जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन से अनुरोध किया है कि कठवां मोड़ निषाद आरक्षण आन्दोलन में स्थानीय निर्दोष निषादों का उत्पीडन न किया जाये। उन्होंने कहा कि कठवां मोड़ पर आंदोलन करने वाले विशेषकर गोरखपुर, महाराजगंज, अलीगढ़, जौनपुर, चन्दौली, सुल्तानपुर के व्यक्ति थे न कि गाजीपुर जनपद के स्थानीय निषाद समाज के लोगों का उत्पीड़न किया जा रहा है। घर में घुस कर पुलिस महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार व बदतमीजी कर रही है, जो उचित नहीं है। उन्होंने बताया कि कठवां मोड़ के आस-पास स्थित चौरही, भांगलपुर, जल्लापुर, फरीदचक, फतेहपुर अटवां, गौसपुर, हरिहरपुर बलुआं, अलावलपुर, रामपुर, साधोपुर, नगदीलपुर, नसीरपुर, बिन्दवलियां, बढईपुर, बहादुरपुर, शेरपुर, कालुपुर, लालूपुर, ताड़ीघाट, युवराजपुर, पटकनियां आदि गांव के निर्दोष निषादों के घर दबिश दी जा रही है और परिवारीजनों के साथ अभद्र व्यवहार पुलिस द्वारा किया जा रहा है।
उन्होनें जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक गाजीपुर से आग्रह किया है कि शक की बिना पर स्थानीय निर्दोष निषादों का उत्पीड़न न किया जाये। जो दोषी हैं, उपद्रवी हैं उनके साथ कानूनी कार्यवाही की जाये और निर्दोषों का उत्पीड़न न किया जाये। श्री निषाद ने कहा कि भाजपा सरकार के वादा खिलाफी व झूठ फरेब के कारण निषाद, बिन्द, कश्यप, राजभर, प्रजापति आदि अतिपिछड़ी जातियों नाराजगी है। समाजवादी पार्टी की सरकार ने अनुसूचित जाति में शामिल मझवार (मल्लाह, मांझी, केवट, बिन्द, राजगौड़, गौंड़ मझवार) जाति को प्रमाणपत्र जारी करने के लिए 21 दिसम्बर 2016 व 17 अतिपिछड़ी जातियों – निषाद, मछुआ, मल्लाह, मांझी, केवट, बिन्द, धीवर, धीमर, कहार, कश्यप, गोडिया, तुरहा, रायकवार, बाथम, राजभर, भर, कुम्हार, प्रजापति आदि को अनुसूचित जाति में परिभाषित करने के लिए 22 व 31 दिसम्बर 2016 को शासनादेश जारी किया था। डॉ. बी.आर. अम्बेडकर पुस्तकालय एवं जनकल्याण समिति गौरखपुर की याचिका पर उच्च न्यायालय इलाहाबाद खण्ड पीठ ने 24 जनवरी 2017 को अस्थाई प्रवास आदेश स्टे आर्डर कर दिया था।
लेकिन राष्ट्रीय निषाद संघ की अपील पर 29 मार्च 2017 को स्टे वैकेट कर दिया लेकिन राज्य सरकार की उदासीनता के कारण अभी तक न्यायालय ने न तो शासन का पक्ष रखवाया गया और न ही जिलाधिकारियों व मण्डलायुक्तों को आदेश पत्र ही जारी किया गया। श्री निषाद ने खेद जताते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने 7 सितम्बर 2018 को विश्वैश्वरैया सभागार में आयोजित निषाद, बिन्द, कश्यप सम्मेलन में कहा कि सपा सरकार की नीतियों के कारण अतिपिछडी जातियां अन्याय का शिकार हो रही है। निषाद समाज को न्याय दिलाने के लिए हमारी सरकार न्यायालय में लगातार प्रभावी पैरवी कर रही है, जो बिल्कुल झूठा बयान है। श्री निषाद ने राज्य सरकार से 17 अतिपिछड़ी जातियों को न्याय दिलाने के लिए उचित कदम उठाने की मांग करते हुए कहा है कि यदि सरकार ने सामाजिक न्याय देने का निर्णय शीघ्र नहीं उठाया तो पूरे प्रदेश में अतिपिछड़ी जातियों का आन्दोलन खड़ा हो जायेगा।