देवरिया : जिला कारागार का एक जेलकर्मी नेताओं को अपना करीबी बताकर अतीक की मदद करता था। वह अतीक के लिए मोबाइल से लेकर खाने तक की व्यवस्था करता था। अतीक की सुरक्षा और सेवा के लिए एक दर्जन बंदी और कैदी हमेशा मुस्तैद रहते थे। अधिकारी के जानने के बाद भी जेल कर्मी अपनी पहुंच की धमकी देकर उन्हें शांत करा देता था। जिला कारागार में देवरिया, कुशीनगर समेत प्रदेश के दूसरे जिलों के लगभग 1650 बंदी और कैदी बंद है। 4 अप्रैल 2017 को नैनी जेल से देवरिया कारागार पहुंचने के बाद अतीक अहमद कुछ दिनों में अपना राज चलाने लगा। जेल में अतीक के लिए सभी सुख सुविधा का सामान मुहैया कराया जाता था।
फूलपुर उपचुनाव के बाद से अतीक का वर्चस्व जिला कारागार में बढ़ गया। जेल की बैरक में उसके चेले और मिलने वालों को छोड़ कर किसी को जाने की अनुमति नहीं थी। जिला कारागार के कर्मी की अतीक पर विशेष मेहरबानी थी। वह अपने आप को नेताओं का करीबी बताकर अधिकारियों पर धौस जमाकर जेल के अंदर हर सुख सुविधा का सामान पहुंचाता था। सूत्रों के अनुसार वह अतीक के साथ ही दूसरे बंदियों और कैदियों को भी सुविधा मुहैया कराता था। इसे लेकर कई बार अधिकारियों से भी विवाद हो चुका था लेकिन वह जेल के अंदर अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहा था। जांच आगे बढ़ी तो इसमें कई और अधिकारी और बंदी रक्षक की गर्दन फंस सकती है।