नई दिल्ली : रेलवे में फ्लेक्सी फेयर(गतिशील किराया) योजना के कारण यात्रियों को भले ही ऊंची कीमतों पर टिकट खरीदनी पड़ रही हो किंतु सरकार का दावा है कि उसे इस योजना से लाभ हुआ है। रेल मंत्रालय का कहना है कि इस योजना से यात्रियों की संख्या में 1.37 प्रतिशत की वृद्धि हुई और राजस्व में भी 1500 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। रेल राज्य मंत्री राजेन गोहेन ने राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि सितम्बर 2016 से जून 2018 (फ्लेक्सी अवधि) की अवधि में पिछले वर्षों की इसी अवधि (गैर-फ्लेक्सी अवधि) की तुलना में फ्लेक्सी फेयर वाली गाड़ियों में बुक किए गए यात्रियों की संख्या में 1.37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सितम्बर 2016 से जून 2018 में, पूर्ववर्ती इसी अवधि की तुलना में, फ्लेक्सी फेयर के कारण 1500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी हुई।
राजेन गोहने ने बताया कि जनता की मांग को देखते हुए राजधानी, शताब्दी और दुरंतो में फ्लेक्सी फेयर योजना में कुछ बदलाव किए हैं। इससे रेलगाड़ियों में किराया कम होगा और इससे ग्रेडेड डिस्काउंट के अलावा भी यात्रियों को लाभ होगा। यह 15 मार्च,2019 से शुरू होने वाली यात्रा के लिए टिकटों की बुकिंग पर लागू होंगे। रेलवे ने पूरे वर्ष के लिए 15 गाड़ियों से फ्लेक्सी किराया योजना को समाप्त किया गया है, जिनमें औसत मासिक अधिभोगिता पिछले पूरे साल के दौरान 50 प्रतिशत से कम थी और तीन महीनों(फरवरी, मार्च और अगस्त) की पूर्व निर्धारित मंदी की अवधि के दौरान 32 गाड़ियों से फ्लेक्सी किराया योजना को समाप्त किया गया है जिनमें औसत मासिक अधिभोगिता पिछले पूरे वर्ष के दौरान 50 से 75 प्रतिशत के बीच थी। उल्लेखनीय है कि फ्लेक्सी फेयर प्रणाली में जैसे-जैसे ट्रेनों में सीटें भरती जाती हैं किराया उतनी ही अधिक बढ़ता जाता है। इसमें प्रत्येक 10 प्रतिशत सीटें बुक होने पर किराया बेसिक फेयर 10 प्रतिशत बढ़ जाता है।