भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनावों को देखते हुए जहां प्रदेश में हर दांव आजमाने की कोशिश कर रही है, वहीं उसके सहयोगी दलों ने भी सियासी चौसर पर दांव शुरू कर दिया है। कल गाजीपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में न जाकर अपना दल (एस) की संयोजक अनुप्रिया पटेल ने जहां चुनाव से पहले भाजपा पर दबाव बना दिया है, वहीं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर पहले से ही सत्ताधारी दल के सिरदर्द बने हुए हैं।
उत्तर प्रदेश में कुर्मी मतों पर पकड़ रखने वाले अपना दल (सोनेलाल) ने 2014 में भाजपा से गठजोड़ किया था और लोकसभा चुनाव में दो सीटें जीतने में कामयाब भी हुई थी। भाजपा ने अनुप्रिया पटेल को केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री बनाकर इसका इनाम भी दिया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में भी वह भाजपा के साथ ही रही और प्रदेश में नौ सीटें जीतकर सत्ता में साझीदार भी रही। इसके बाद भी समय-समय पर अपना दल भाजपा पर दबाव बनाता रहा और पार्टी के अध्यक्ष आशीष पटेल को एमएलसी बनवाने में भी सफलता हासिल कर ली।
चुनाव को देखते हुए यह माना जा रहा था कि भाजपा को दबाव में लेने के लिए अपना दल कोई न कोई राजनीतिक दांव जरूर चलेगा और सत्ताधारी दल ने इसका मौका भी दे दिया। सिद्धार्थनगर में मेडिकल कालेज के शिलान्यास अवसर पर पार्टी ने केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्वनी चौबे को तो बुलाया लेकिन अनुप्रिया पटेल को नहीं। बस इसी बात को अपने अपमान से जोड़ते हुए अपना दल ने सरकार के किसी भी काम में न शामिल होने का ऐलान कर दिया है। शनिवार को मोदी के गाजीपुर में कार्यक्रम में शामिल न होकर अनुप्रिया ने यह संकेत भी दे दिया है कि बात अभी और आगे बढ़ेगी।
दूसरी ओर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को लेकर भाजपा का असमंजस अभी बरकरार ही है। पूर्वांचल के राजभर मतों पर गहरी पकड़ रखने वाले ओम प्रकाश 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के सहयोग से चार सीटें जीतने में सफल रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजीपुर में महाराजा सुहेलदेव के नाम पर डाक टिकट जारी करके इन मतों में सेंध लगाने की कोशिश जरूर की है, लेकिन ओम प्रकाश ने उनके कार्यक्रम का बहिष्कार कर यह साफ कर दिया है कि वह दबाव में नहीं आने वाले। इससे पहले सुभासपा अध्यक्ष राजधानी में एक बड़ी रैली कर भी अपनी ताकत दिखा चुके हैैं।
अपना दल में भी फूटे बागी सुर
इस बीच अपना दल (एस) के सांसद हरिवंश ने पार्टी संयोजक के प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के बहिष्कार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि अपना दल आज जिस राजनीतिक मुकाम पर है, उसका पूरा श्रेय नरेंद्र मोदी को ही है। हरिवंश सिंह ने कहा कि पार्टी कोई भी फैसला करे, वह पीएम नरेंद्र मोदी के साथ ही रहेंगे।