कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता बोले, चुनाव आते ही मोदी को आने लगी यूपी की याद
लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गाजीपुर एवं वाराणसी के दौरे को कांग्रेस पार्टी ने चुनावी दौरा बताया है। कांग्रेस का कहना है कि प्रधानमंत्री का गाजीपुर एवं वाराणसी का दौरा वास्तव में विकास के लिए नहीं बल्कि यह शुद्ध रूप से चुनावी दौरा है। इस दौरे में प्रधानमंत्री अपने साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल की विफलताओं को छिपाने के लिए जातीय समीकरणों को साधने की कोशिश कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन रावत ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि देश के प्रधानमंत्री को साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल के बाद अब जब चुनाव नजदीक आ रहा है तो, उन्हें उत्तर प्रदेश की याद सताने लगी है। उन्होंने जो वादा काशी को क्योटो बनाने का किया था वह शायद याद आने लगा है, इसके चलते अब काशी में ऐतिहासिक मंदिरों को तोड़ा जा रहा है। प्रधानमंत्री को शायद काशी की बेटियों द्वारा खूबसूरत दुपट्टा भेेंट किये जाने के बाद उन्हें यह भी याद आना चाहिए कि उनके ही संसदीय क्षेत्र में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की छात्राओं पर जिस प्रकार बर्बर लाठीचार्ज किया गया और उन्हें जूतों के तले रौंदा गया।
आज उन्हें पिछले चुनावों के दौरान महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा का जो वादा उन्होंने किया था, उसे याद करना चाहिए क्योंकि उत्तर प्रदेश की महिलाएं और बेटियां उनके वादे को अभी भी भूली नहीं हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सुहेलदेव पर डाक टिकट जारी करने का प्रधानमंत्री का निर्णय सिर्फ और सिर्फ चुनावी लाभ लेने के लिए किया गया है। क्योंकि पूरे साढ़े चार वर्ष तक प्रधानमंत्री को सुहेलदेव याद नहीं आये और अब जब चुनाव करीब में आ रहा है तो उन्हें डाक टिकट जारी करने की सूझ रही है।
भारतीय जनता पार्टी और हिन्दू संस्कृति की बात तो करते हैं, लेकिन वाराणसी स्थित सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय की दुर्दशा पर ध्यान नहीं देते है, वहां का आलम यह है कि छात्रों के रहने के छात्रावासों की छतें जीर्ण-शीर्ण हैं। करीब 122 शिक्षकों की कमी है, लेकिन साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में प्रधानमंत्री ने कोई ध्यान नहीं दिया। उप्र में सरकार बनने के बाद 40 करोड़ के बजट के सापेक्ष मात्र 10 करोड़ दिया जा रहा है जो नाकाफी है। इतना ही नहीं वाराणसी का मुख्य स्टेशन कैंट देश का छठवां सबसे गंदा रेलवे स्टेशन हो गया है। प्रवक्ता ने कहा कि मुझे मां गंगा ने बुलाया है, जैसे जुमले फेंककर प्रधानमंत्री मां गंगाजी को साफ करने में पूरी तरह विफल साबित हुए हैं, क्येांकि इनकी नियत ही साफ नहीं है।