प्रदेश में समूह-ग के पदों की भर्ती में सेवायोजन कार्यालयों में पंजीकरण की बाध्यता समाप्त करने के हाईकोर्ट के आदेश को सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य के युवाओं के हित में सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की जाएगी। इस संबंध में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह को निर्देश दिए गए हैं।
हाईकोर्ट के आदेश से पहले समूह-ग के पदों पर भर्ती के लिए सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण आवश्यक था। इस वजह से उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग ने विभिन्न महकमों में समूह-ग के रिक्त 1500 पदों पर भर्ती की कवायद शुरू की थी। इसमें अभ्यर्थियों के लिए सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण की शर्त शामिल की गई थी।
अब हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद सेवायोजन कार्यालय में अभ्यर्थियों के पंजीकरण की बाध्यता खत्म होने से आयोग को भी भर्ती प्रक्रिया को रोकना पड़ा है। आयोग ने तकरीबन 1500 पदों पर भर्ती प्रक्रिया को रोकते हुए इस संबंध में शासन से परामर्श मांगा है। उधर, सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण की बाध्यता खत्म होने से क्षेत्रीय युवाओं में रोष है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बेरोजगार युवाओं को भरोसा बंधाया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में है। युवाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की जाएगी।