नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन(यूएनएफसीसीसी) के दायित्व-निर्वहन के तहत भारत के दूसरी द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट(बीयूआर) को सम्मेलन में प्रस्तुत करने की मंजूरी दी। भारत, संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन(यूएनएफसीसीसी) का सदस्य देश है। कार्यान्वयन के संबंध में जानकारी प्रदान करने का दायित्व भारत पर है। दूसरी द्विवार्षिक रिपोर्ट के प्रस्तुतिकरण से दायित्व का निर्वहन होगा। ने बताया कि यूएनएफसीसीसी में भारत की दूसरी द्विवार्षिक रिपोर्ट, सम्मेलन में प्रस्तुत पहली द्विवार्षिक रिपोर्ट का अद्यतन रूप है। द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट के पांच प्रमुख घटक राष्ट्रीय परिस्थितियां ; राष्ट्रीय ग्रीन हाउस गैस ; शमन आधारित कार्यकलाप ; वित्त, प्रौद्योगिकी और क्षमता निर्माण संबंधी आवश्यकताएं तथा समर्थन प्राप्ति एवं घरेलू निगरानी, रिपोर्ट व जांच (एमआरवी) आधारित व्यवस्था है। राष्ट्रीय स्तर पर किए गए विभिन्न अध्ययनों के पश्चात् द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट(बीयूआर) तैयार की गई है।
बीयूआर की समीक्षा विभिन्न स्तरों पर यथा विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा, अवर सचिव(जलवायु परिवर्तन) की अध्यक्षता में प्रौद्योगिकी परामर्शदात्री विशेषज्ञ समिति द्वारा की गई समीक्षा, सचिव(ईएफ एंड सीसी) की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संचालन समिति द्वारा की गई समीक्षा की गई है। राष्ट्रीय संचालन समिति एक अंतर-मंत्रालयी संस्था है, जिसमें नीति आयोग, कृषि शोध व शिक्षा, कृषि सहयोग और किसान कल्याण, आर्थिक मामलों, विदेशी मामलों, नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, कोयला, ऊर्जा, रेलवे बोर्ड, सड़क परिवहन औऱ राजमार्ग, नौवहन, पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस, जलसंसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, ग्रामीण विकास, आवास व शहरी मामलें, औद्योगिक नीति व संवर्धन, वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय, इस्पात, नागरिक विमानन, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन एवं भारत मौसम विज्ञान विभाग शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन(यूएनएफसीसीसी) विकसित और विकासशील देशों समेत सभी सदस्य देशों को सम्मेलन के सुझावों/दिशा-निर्देशों के क्रियान्वयन से संबंधित जानकारी/रिपोर्ट प्रदान करने का आग्रह करता है। यूएनएफसीसीसी के सदस्य देशों ने 16वें सत्र में यह निश्चित किया था कि अपनी क्षमता के अनुकूल विकासशील देश भी द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। इन रिपोर्टों में राष्ट्रीय ग्रीन हाउस गैस तालिका के साथ-साथ उत्सर्जन कम करने के प्रयास, आवश्यकताएं और समर्थन प्राप्ति का भी उल्लेख होगा। प्रत्येक दो वर्ष में द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्टें जमा की जाएंगी।